टीका अभियान पर जोर दे सरकार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:14 PM IST

देश में कोविड मामलों में कमी आने के साथ ही इससे जुड़े प्रतिबंधों में छूट दी जा रही है ऐसे में विशेषज्ञों का भी मानना है कि महामारी से मिले पिछले दो साल के सबक ने सरकार को अफसोस न करने जैसी नीति को अपनाने के लिए मजबूर किया है। इस बात को लेकर आम सहमति है कि ओमीक्रोन उतना संक्रामक नहीं है और इसकी वजह से अस्पताल में भर्ती होने की दर भी कम है ऐसे में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि आगे टीकाकरण ही एक बेहतर सुरक्षा उपाय हो सकता है और कमजोर लोगों के लिए बूस्टर खुराक की रफ्तार बढ़ाए जाने की जरूरत है।
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के श्रीनाथ रेड्डी का कहना है, ‘हमलोग अभी मंजिल तक नहीं पहुंचे हैं लेकिन सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि यह वक्त सीटबेल्ट हटाने का नहीं है।’ रेड्डी का कहना है कि गंभीर बीमारी से बचाव में टीका कारगर हो सकता है लेकिन अगले कुछ महीने तक लगातार मास्क पहना जा सकता है जब तक कि सबकुछ स्पष्ट न हो जाए।
पिछले कुछ हफ्ते में राज्य सरकार ने रेस्तरां, मॉल, सिनेमा हॉल, होटल और सप्ताहांत कफ्र्यू पर से प्रतिबंध हटाया है जबकि केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा दिशानिर्देशों में छूट दी है। इसके साथ ही दोनों टीके लगवा चुके लोगों को आरटी-पीसीआर से छूट दी गई। ऐसे कदम तब उठाए गए जब औसतन रोजाना कोविड के मामले पिछले हफ्ते 50,000 से अधिक हो गए और संक्रमण की दर 5 फीसदी से कम होकर 3.63 फीसदी हो गई। वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर और वरिष्ठ विषाणु विज्ञानी जैकब जॉन कहते हैं, ‘सरकार को सबकुछ खोल देना चाहिए। ओमीक्रोन अन्य स्वरूपों से थोड़ा अलग है। अगर हम सुरक्षा उपायों में ढील देते हैं तब टीका ही हमारी रक्षा करेगा।’
हालांकि जॉन यह भी कहते हैं, ‘दिक्कत यह है कि हमारे पास टीका है लेकिन कोई टीकाकरण कार्यक्रम नहीं है। हम नीति, डिलिवरी, निगरानी जैसे तीन क्षेत्र में कमजोर हैं।’ जॉन कहते हैं कि सरकार ने टीकाकरण के लिए एक स्पष्ट राष्ट्रीय नीति परिभाषित नहीं की है। वह कहते हैं, ‘मिसाल के तौर पर होटल शृंखला, परिवहन क्षेत्र, विश्वविद्यालय को प्राथमिकता कब मिलेगी? प्रमुख होटल शृंखला अपने हितों के अनुरूप कदम उठा रहे हैं क्योंकि सरकार की तरफ कोई दिशानिर्देश नहीं मिले हैं।’
कई विशेषज्ञों को यह महसूस होता है कि शुरुआत से ही महामारी खत्म करने के लिए सरकार की रणनीति में टीकाकरण अहम हिस्सा नहीं रहा है।
जॉन का कहना है, ‘हमारे पास टीके पहले भी थे लेकिन हमने डेल्टा से पहले इसका इस्तेमाल नहीं किया। हमने ओमीक्रोन से पहले टीके लगवाए और अब भी टीके का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हमने किसी भी वक्त टीके का इस्तेमाल बचाव के लिए नहीं किया। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति की मौत बूस्टर खुराक न मिलने की वजह से न हो।’
टीकाकरण से जुड़े राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने स्वास्थ्यकर्मी, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण की अनुमति दी है। हालांकि समूह ने 15 साल से कम उम्र के बच्च्चों के टीकाकरण के लिए कोई फैसला नहीं लिया है।

केंद्र ने राज्यों को प्रतिबंध में छूट देने के लिए कहा
केंद्र ने सभी राज्यों से हालात की समीक्षा करने और संक्रमण के नए मामले के रुझान पर अच्छी तरह गौर करने के बाद अतिरिक्त प्रतिबंध हटाने की बात कही है। देश भर में संक्रमण के मामले में गिरावट देखी जा रही है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र में कहा कि कोविड-19 से जुड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों का प्रभावी तरीके से प्रबंधन करने के साथ-साथ यह भी महत्त्वपूर्ण है कि राज्य में लगाए गए अतिरिक्त प्रतिबंध से लोगों की गतिविधि और आर्थिक कामकाज में कोई बाधा न आए। भूषण ने कहा कि महीने की शुरुआत में कोविड के मामलों में तेजी आने से कुछ राज्यों ने अपनी सीमाओं और हवाईअड्डे पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगा दिया था। भूषण ने कहा, ‘दुनिया भर में और भारत में कोविड-19 महामारी के महामारी विज्ञान में बदलाव के साथ-साथ संक्रमण के प्रसार को कम करने से जुड़े मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा की जाती है और उसे अद्यतन किया जाता है।’ स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 फरवरी से विदेश यात्रा करने आने वाले यात्रियों के लिए दिशानिर्देशों में छूट दी है।

दुनिया में नए मामलों में 19 फीसद गिरावट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि पिछले हफ्ते दुनियाभर में कोरोनावायरस के नए मामलों में 19 फीसदी की गिरावट आई है जबकि इस संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या स्थिर है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने मंगलवार को इस महामारी पर जारी की गई अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में कहा कि पिछले सप्ताह कोविड-19 के 1.6 करोड़ से अधिक नए मामले सामने आए जबकि करीब 75,000 मरीजों की जान चली गई। डब्ल्यूएचओ के अनुसार केवल पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में कोविड -19 के मामलों में वृद्धि हुई और वह 19 फीसदी थी। उसने कहा कि दक्षिणपूर्व एशिया में कोरोनावायरस के मामलों में करीब 37 फीसदी कमी आई जो दुनिया में सबसे अधिक गिरावट है। उसने बताया कि पश्चिम एशिया में मौंतों में 38 फीसदी और पश्चिम प्रशांत क्षेत्र में एक तिहाई वृद्धि हुई।     भाषा

First Published : February 16, 2022 | 10:57 PM IST