केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि निजी क्षेत्र में कोविड-19 टीके अगर उपलब्ध हों तब इसका बेहतर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि टीका निर्माताओं के समर्थन की वजह से टीके की उपलब्धता बढ़ी है और आने वाले दिनों में इसमें सुधार जारी रहेगा। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे टीके लगवाने के लिए निजी क्षेत्र की मदद भी लें।
दिल्ली जैसे कुछ शहरों में टीकों की कमी है और लोगों को कोवैक्सीन की दूसरी खुराक लेने में मुश्किल हो रही है। इससे जुड़े सवाल के जवाब में पॉल ने कहा, ‘मैं आग्रह करता हूं कि निजी क्षेत्र में उपलब्ध टीके का बेहतर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। हमें लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वे निजी माध्यमों के जरिये भी टीका ले सकें।’
उन्होंने कहा, ‘टीके का कुल वितरण निर्माताओं की तरफ से उपलब्ध कराए जा रहे टीके के मुताबिक ही किया जाता है। आने वाले दिनों में कितनी खुराक मिलने की उम्मीद है इसके बारे में राज्य सरकारों से जानकारी साझा की जाती है और इसके ही मुताबिक टीकाकरण अभियान आगे बढ़ाया जाता है। आगे और भी ज्यादा टीके मिलेंगे और इससे चीजें आसान होंगी।’
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने भी कहा कि वे टीका निर्माताओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि उत्पादन क्षमताओं बढ़ाई जा सके। उन्होंने कहा, ‘हम रोजाना के 2 लाख खुराक के स्तर से बढ़कर 41 लाख खुराक प्रतिदिन के स्तर पर आ ऌपाए हैं। हमने यह सुनिश्चित किया है कि निर्माता क्षमता बढ़ाएं।’ अग्रवाल ने कहा कि टीके से जुड़ा लॉजिस्टिक्स प्रबंधन भी समय के अनुरूप होना चाहिए। किस निर्माता से टीके की कितनी खुराक, कब तक मिलेगी इसका अंदाजा लगाने के साथ ही इनकी जांच करने और इसे देश के दूरदराज के हिस्सों में पहुंचाने के लिए एक सुनियोजित योजना की आवश्यकता है। अग्रवाल ने कहा, ‘राज्यों को भी टीकाकरण अभियानों के लिए अत्याधुनिक योजना बनानी होगी। केंद्र की तरफ से जो कुछ उपलब्ध होता है वह सुचारु रूप से लोगों को मिलना चाहिए।’ स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनवरी में एक दिन में टीके की 2.35 लाख खुराक दी जाती थी जो जुलाई में बढ़कर 41.61 लाख खुराक हो गई और इस तरह दैनिक टीकाकरण दरों में काफी तेजी आई है। जून में दी गई 11.97 खुराक में से 5.26 करोड़ खुराक 21 से 30 जून के बीच दी गई। इस अवधि के दौरान टीके की औसत दैनिक खुराक एक दिन में बढ़कर 52.56 लाख हो गई।
गृह मंत्रालय की चेतावनी
इस वक्त लोग बड़ी तादाद में पहाड़ी इलाकों के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर इक_ा हो रहे हैं। केंद्र लगातार शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करने के खिलाफ आगाह करता आ रहा है। शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने ब्रिटेन, रूस सहित अन्य देशों की मिसाल दी जहां यूरो कप फुटबॉल टूर्नामेंट के दौरान स्टेडियमों में हजारों दर्शकों की तादाद देखी गई और कैसे इन देशों में कोविड-19 के रोजाना मामले में तेजी देखी जा रही है। इसमें इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और बांग्लादेश जैसे अन्य देशों का जिक्र भी किया गया है जो संक्रमण के मामले बढऩे के साथ ही फिर से सख्ती बढ़ा रहे हैं।
इस हफ्ते सोशल मीडिया पर मसूरी के एक पर्यटन स्थल का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें सैकड़ों पर्यटक बिना मास्क पहने घूमने का आनंद ले रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह वीडियो दिखाते हुए पूछा, ‘क्या यह कोविड-19 वायरस को संक्रमण बढ़ाने का खुला निमंत्रण नहीं है!’
पॉल और अग्रवाल ने दोहराया कि संक्रमण को रोकने के लिए भारत के पास अब भी मौका है। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर स्थानीय अधिकारियों को सावधानी और संयम बरतने की जरूरत है।