महामारी की नई लहर के लिए रहें तैयार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 5:10 AM IST

मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन ने आज कहा कि कोविड-19 वायरस जिस तेजी से इधर-उधर फैल रहा है, उसे देखते हुए इस महामारी की तीसरी लहर आने का अंदेशा बहुत ज्यादा है। मगर उन्होंने कहा कि यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि तीसरी लहर कब आएगी। फिर भी उसके लिए तैयार रहना चाहिए। देश इस समय इस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है।
विजयराघवन ने कहा, ‘पिछले संक्रमण और टीकों के कारण वायरस नई शक्ल लेने के लिए मजबूर होगा और हमें उसके लिए वैज्ञानिक स्तर पर तैयारी करनी चाहिए।’ उन्होंने मौजूदा हालात को बेहद त्रासद बताते हुए कहा कि वायरस का नया रूप दूसरी लहर की केवल एक वजह है। उन्होंने कहा, ‘रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण पहली लहर में संक्रमण के नए मामले कम रहे होंगे, लेकिन संक्रमित नहीं होने वालों की संख्या बहुत अधिक हो सकती है। सतर्कता घटी तो वायरस को नए सिरे से फैलने का मौका मिल गया।’
भारत में सार्स-कोव-2 जीनोम कंसोर्टियम को पता चला है कि सार्स कोव-2 की बी1.1.7 किस्म या ब्रिटिश किस्म का अनुपात देश में पिछले डेढ़ महीने के दौरान घट रहा है। इस वायरस का दोहरा स्वरूप महाराष्ट्र में पाया गया है, जिसे बी.1.617 नाम दिया गया है। पिछले डेढ़ महीने में कई राज्यों में मामले इसी की वजह से बढ़े हैं।
विजयराघवन ने कहा कि प्रसार बढ़ाने वाली किस्में शायद अब ठहर रही हैं मगर प्रतिरोध क्षमता से बचने वाली किस्में बीमारी की गंभीरता बढ़ा सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे वैज्ञानिक उससे निपटने के लिए तैयार हैं। हमें इन बदलावों का अनुमान वैज्ञानिक नजरिये से लगाना होगा।’ देशव्यापी लॉकडाउन के मसले पर सरकार ने कहा है कि राज्यों को रात्रि कफ्र्यू लगाने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए हैं और संक्रमण बढऩे पर आवागमन पर प्रतिबंध लगाने तथा सार्वजनिक स्थल बंद करने के लिए भी कहा गया है। लेकिन नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा, ‘राज्यों को सोच-समझकर विश्लेषण करना चाहिए। हमने बहुत संतुलित परामर्श जारी किए हैं। अगर ज्यादा कदम उठाने की जरूरत है तो उन विकल्पों पर चर्चा हमेशा हो सकती है। जरूरत पड़ी तो उस बारे में भी फैसला किया जाएगा।’

First Published : May 5, 2021 | 11:36 PM IST