एक सरकारी प्रस्ताव के अनुसार भारत ने बैटरी निर्माण इकाइयों की स्थापना कर रहीं कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए 4.6 अरब डॉलर मुहैया कराने की योजना बनाई है, क्योंकि इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलने और तेल पर उनकी निर्भरता में कमी आने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले संघीय थिंकटैंक नीति आयोग द्वारा तैयार प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक तौर पर अपनाया गया तो भारत अपने आयात बिलों में वर्ष 2030 तक 40 अरब डॉलर तक की बड़ी कमी ला सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापे जाने के अनुरोध के साथ कहा कि इस प्रस्ताव पर आगामी सप्ताहों में मोदी मंत्रिमंडल द्वारा समीक्षा किए जाने की संभावना है। नीति आयोग ने आधुनिक बैटरियों के निर्माण में लगीं कंपनियों के लिए वर्ष 2030 तक 4.6 अरब डॉलर की रियायतों की सिफारिश की है, जिनकी शुरुआत अगले वित्त वर्ष में नकदी और 9 अरब रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोत्साहन से होगी। उन्होंने कहा, ‘मौजूदा समय में, भारत में बैटरी ऊर्जा भंडारण उद्योग बेहद शुरुआती अवस्था में है और निवेशक किसी नए उभरते उद्योग में निवेश को लेकर आशंकित रहते हैं।’ प्रस्ताव में कहा गया है किभारत ने वर्ष 2022 तक कुछ खास तरह की बैटरियों के लिए 5 प्रतिशत की आयात कर दर बरकरार रखे जाने की योजना बनाई है जिनमें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरियां भी शामिल हैं, लेकिन इसे बाद में बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाएगा।