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Maldives: मालदीव में सैनिकों की वापसी के बावजूद भारत ने बढ़ाई मदद

India Maldives latest: मुइज्जु के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास के बावजूद मालदीव में भारतीय मदद की परियोजनाओं ने पकड़ी तेजी

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एजेंसियां   
Last Updated- February 19, 2024 | 10:15 PM IST

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु के पद संभालने के बाद भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग के कारण दोनों देशों के संबंधों में आई खटास के बावजूद भारत ने उसके विकास के लिए वित्तीय मदद बढ़ा दी है। भारतीय सहयोग से वहां चल रहीं विकास परियोजनाओं की गति भी तेज हो गई है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रभुत्व के लिए वैश्विक शक्तियां जोर-आजमाइश करती रही हैं। ऐसे में भारत और चीन दोनों ही मालदीव को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं। मालदीव पारंपरिक रूप से भारत के अधिक करीब रहा है, लेकिन मुइज्जु के राष्ट्रपति बनने के बाद से उसका झुकाव चीन की तरफ हो गया है।

सरकारी दस्तावेजों और भारतीय अधिकारियों के अनुसार भारत ने चालू वित्त वर्ष के दौरान मालदीव में उसके कुल बजट 4 अरब रुपये से लगभग दोगुने 7.71 अरब रुपये (9.3 करोड़ डॉलर) आवंटित किए हैं। बीते अक्टूबर में राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जु द्वारा भारत को प्राथमिकता देने की नीति समाप्त कर लगभग 80 भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने का फरमान सुना दिया था।

मामले से वाकिफ एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि तमाम अड़चनों के बावजूद विकास को लेकर सहयोग न तो रोका गया है और न ही इस नीति में कोई परिवर्तन हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पड़ोसी मालदीव के लिए दोहरी रणनीति अपनाकर चल रहा है।

अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर इस भारतीय अधिकारी ने कहा कि भारत के सहयोग से चल रही परियोजनाओं की गति पहले से तेज हो गई है। इसका प्रमुख कारण चालू वित्त वर्ष में मालदीव के लिए आवंटन में भारी बढ़ोतरी है। हालांकि इस मामले में प्रतिक्रिया मांगने पर मुइज्जु के कार्यालय ने फौरी तौर पर कोई जवाब नहीं दिया है।

इस समय मालदीव की राजधानी माले और आसपास के इलाकों में भारत की ओर से ऋण सहयोग से 50 करोड़ डॉलर की सड़क और पुल परियोजनाएं चल रही हैं। इसके अलावा वहां 13 करोड़ डॉलर से दो हवाईअड्डे बनाए जा रहे हैं। मुइज्जु चीन की आधिकारिक यात्रा कर चुके हैं, लेकिन अभी भारत नहीं आए हैं। दोनों देश मई तक सैनिकों की अदला-बदली के लिए सहमत हुए हैं। भारत ने कहा कि उसके द्वारा उपलब्ध कराए गए विमानों से उसके सैनिक मालदीव में मानवीय सहायता और चिकित्सीय बचाव के कार्य करते हैं।

बीते 1 फरवरी को संसद में पेश बजट दस्तावेज से पता चलता है कि भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में मालदीव में 1.83 अरब रुपये खर्च किए थे। इस वर्ष यह रकम बढ़कर 7.71 अरब रुपये कर दी गई। विशेष यह कि अन्य देश को वित्तीय सहायता के रूप में भूटान के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी धनराशि है। भारत ने भूटान को 24 अरब रुपये की धनराशि दी है।

मालदीव ने हाल ही में भारत की चिंता को नजरअंदाज करते हुए चीनी शोध जहाज को अपने बंदरगाह पर ठहरने की इजाजत दी है। चीन की ओर इशारा करते हुए अधिकारी ने कहा, ‘हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा को प्रभावित करने वाली किसी भी अतिरिक्त क्षेत्रीय ताकत की मौजूदगी हमारे लिए खतरे की घंटी है।’

First Published : February 19, 2024 | 10:15 PM IST