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Food Aid: भारत की सहायता से अफगानियों को राहत

Published by
संजीब मुखर्जी
Last Updated- May 01, 2023 | 9:18 AM IST

युद्धग्रस्त और आर्थिक रूप से बरबाद हो चुके अफगानिस्तान के लिए भारत और अन्य देशों द्वारा भेजी जा रही खाद्य सहायता जीवनदान साबित हो रही है। 25 वर्षीय अफगानी नागरिक गफ्फार ने संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) से संवाद में यह बात कही।

डब्ल्यूएफपी दस्तावेज के अनुसार, गफ्फार का परिवार उन 17,000 परिवारों अथवा 1,20,000 लोगों में शामिल है जिन्हें पांच दिवसीय खाद्य वितरण कार्यक्रम के तहत राहत मिली है। राहत वितरण का कार्यक्रम अफगानिस्तान की राजधानी के पश्चिम में स्थित करीब 15 लाख की आबादी वाले दश्त-ए-बारची में आयोजित किया गया था।

अगस्त 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में गंभीर आर्थिक संकट पैदा हो गया है। देश सूखा, बाढ़, अन्य जलवायु संकट और भूकंप से लगातार प्रभावित भी रहा है। अगस्त 2022 में अफगानिस्तान अपर्याप्त खाद्य खपत वाले देशों की सूची में पहले पायदान पर था और तब से उसने अपनी स्थिति को कायम रखा है।

WFP के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में करीब 1.99 करोड़ लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे हैं। इसमें से करीब 60 लाख लोग भुखमरी के कगार पर हैं।

ऐसे परिवारों को भारत और अन्य देशों से पहुंचने वाली खाद्य सहायता से बड़ी राहत मिली है, अन्यथा उन्हें कहीं अधिक गंभीर परिस्थितियों से जूझना पड़ता।

भारत से भेजी गई सहायता केवल खाद्य पदार्थों तक सीमित नहीं है बल्कि उसमें अन्य सहायता के साथ-साथ महिलाओं को भारतीय गैर सरकारी संगठनों द्वारा प्रशिक्षण एवं सहारा भी शामिल है ताकि वे भी आत्मनिर्भर बन सकें।

इस बीच, राहत के तौर पर प्रत्येक परिवार को 50 किलो गेहूं का आटा, 4.55 लीटर वनस्पति तेल, 6.25 किलो दाल और आधा किलो नमक आदि महीनों में कई बार दिए जा रहे हैं। इसमें भारत से भेजी गई राहत सामग्री भी शामिल है।

इसके अलावा, जिन परिवारों में 6 से 59 महीनों के बच्चे और गर्भवती अथवा स्तनपान कराने वाली महिलाएं हैं उन्हें विशेष तौर पर पोषक आहार दिया जा रहा है ताकि उन्हें कुपोषण से बचाया जा सके। हाल ही में भारत ने अफगानिस्तान को 10,000 टन गेहूं वितरण के लिए डब्ल्यूएफपी के साथ एक नया करारा किया था। सूत्रों ने बताया कि अन्य 10,000 टन के ब्योरे पर काम जारी है।

यह फरवरी से सीमा चौकियों के माध्यम से अफगानिस्तान को पहले वितरित किए जा चुके 40,000 टन गेहूं के अतिरिक्त होगा।

28 फरवरी, 2022 को भारत ने अत्यावश्यक मानवीय सहायता के रूप में अफगानी नागरिकों के लिए 10,000 टन गेहूं की पहली खेप भेजी थी।

First Published : May 1, 2023 | 9:18 AM IST