जापान की निवेश कंपनी सॉफ्टबैंक के प्रमुख मासायोसी सोन ने मुनाफे में हालिया गिरावट के बाद कहा है कि कंपनी लागत में कटौती पर गंभीरतापूर्वक ध्यान केंद्रित करेगी। इस मामले से अवगत सूत्रों ने बताया कि कैलेंडर वर्ष 2022 के लिए भारत में सॉफ्टबैंक के निवेश में भी उल्लेखनीय गिरावट दिखेगी। पिछले साल सॉफ्टबैंक ने भारतीय स्टार्टअप परिवेश में 3.2 से 3.5 अरब डॉलर का निवेश किया था जो इस क्षेत्र को प्राप्त कुल निवेश का करीब 10 फीसदी रहा। कैलेंडर वर्ष 2022 के लिए निवेश 1 अरब डॉलर तक भी नहीं पहुंच पाया है।
इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘अब तक सॉफ्टबैंक ने करीब 45 से 50 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। वह कुछ और निवेश कर सकती है जिससे भारत में उसका कुल निवेश बढ़कर 60 से 65 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है।’
भारत में भी सॉफ्टबैंक के निवेश में कमी आई है और वह अपनी पोर्टफोलियो फर्मों से बातचीत कर रही है। उसका संदेश बिल्कुल स्पष्ट है। एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘अगले दो साल के लिए पर्याप्त नकदी भंडार रखें। उनका मानना है कि वित्त पोषण में सुस्ती का यह दौर लंबा खिंचेगा और रिकवरी की रफ्तार सुस्त होगी।’ कंपनी की योजना से अवगत लोगों ने कहा कि समय-समय पर स्थिति का जायदा लिया जाएगा और जरूरत पड़ने पर मदद की जाएगी लेकिन सॉफ्टबैंक नए निवेश से फिलहाल परहेज करेगी। एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘इस साल निवेश के मोर्चे पर सॉफ्टबैंक का रुख काफी चयनात्मक रहेगा और उसका मानना है कि 2023 के आरंभ में बाजार निचले स्तर पर रहेगा। वे बहुत यर्थावादी दिख रहे हैं।’
जापानी कंपनी को आईपीओ बाजार में जल्द सुधार के आसार नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन भारत में उसके शुरुआती निवेश में से एक फर्स्टक्राई इस साल सूचीबद्ध होने की तैयारी में है। सॉफ्टबैंक अपनी सभी पोर्टफोलियो कंपनी को मजबूत बनाने की तैयारी कर रही है।
उद्योग के सूत्रों का कहना है कि पोर्टफोलियो कंपनियों से कहा गया है कि वे कम से कम दो साल के लिए नकदी बचाए रखने पर जोर दें, क्योंकि फंड का मानना है कि उसे अभी लंबी सुधार प्रक्रिया से गुजरना होगा। आईपीओ के संदर्भ में भी, बाजार में अच्छा सुधार आने में कम से कम 1-2 साल लग जाएंगे। वीएफ-1 के पास अभी भी फॉलो-ऑन निवेश के लिए 10-12 अरब डॉलर की पूंजी उपलब्ध है, लेकिन ये निवेश बेहद सतर्कता के साथ किए जाएंगे।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब मासायोशी सोन ने कहा है कि उन्होंने अपने जापानी उद्यम और विजन फंड निवेश इकाई में व्यापक तौर पर लागत कटौती की योजना बनाई है। टोक्यो स्थित कंपनी द्वारा घटते पोर्टफोलियो मूल्यांकन और विदेशी मुद्रा में नुकसान के साथ रिकॉर्ड 23.4 अरब डॉलर का नुकसान दर्ज किए जाने के बाद यह सतर्कता बरती जा रही है। कंपनी ने अपने विजन फंड में 17.3 अरब डॉलर का नुकसान दर्ज किया, क्योंकि उसने डोरडैश, कूपैंग और सेंसटाइम ग्रुप जैसी होल्डिंग की वैल्यू को घटाया। कंपनी ने कमजोर येन की वजह से 6.1 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा नुकसान भी दर्ज किया।
सोन ने वित्तीय परिणाम के बाद संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘नुकसान हमारे कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा है और हम इस पर गंभीरता से विचार करेंगे।’ उन्होंने कहा कि कंपनी ने अपने विजन फंड में लागत कटौती के प्रयासों का सहारा लिया है। लागत कटौती प्रयासों में कर्मचारियों की संख्या में कमी लाना भी शामिल होगा।
सोन ने अपने पोर्टफोलियो में खामियों और समस्याओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सॉफ्टबैंक ने जून तिमाही में अपने पोर्टफोलियो में 284 कंपनियों में नुकसान दर्ज किया, जबकि सिर्फ वैल्यू में सिर्फ 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। भारत में, सॉफ्टबैंक ने 1 अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाली कई कंपनियों और यूनिकॉर्न या स्टार्टअप की सहायता की है। इनमें, पेटीएम, ओयो, ओला, लेंसकार्ट, पॉलिसीबाजार, फर्स्टक्राई, मीशू, अनअकेडेमी, जीटा, स्विगी, ओला इलेक्ट्रिक और इन्मोबी मुख्य रूप से शामिल हैं।