दो सबसे बेहतरीन हवाई अड्डों के निर्माण कार्य के साथ जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर तेजी से वृद्धि के लिए तैयार है। इन हवाई अड्डों से देश के 27 फीसदी यात्रियों का आवागमन होता है।
इसके अतिरिक्त पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के क्षेत्र में पर्याप्त अवसर हैं। जीएमआर तेजी से हवाई अड्डों,पॉवर,सड़क और विकास के व्यापार में तेजी से निवेश कर रही है। 1,250 एकड़ जमीन के साथ दिल्ली और हैदराबाद हवाई अड्डों के जीएमआर के पोर्टफोलियो में शामिल होने के बाद कंपनी के राजस्व के पोर्टफोलियो में दो से तीन गुना की वृध्दि हो सकेगी।
इसके अतिरिक्त 5,000 मेगावॉट के पॉवर प्रोजेक्ट जिसमें की 800 मेगॉवाट का परिचालन शुरु हो चुका है और छह सड़क परियोजनायें कंपनी के लिये भविष्य की बढ़त दिलाने वाली योजनायें होगी।
ऑटो पायलट
जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर ऑटो पायलट की होल्डिंग कंपनी है और इसके प्रत्येक कारोबार में जीएमआर की हिस्सेदारी है। कंपनी की ऑटो पायलट में स्पेशल परपस वेहिकल या सबसिडरीज के जरिये यह हिस्सेदारी है। कंपनी के राजस्व में पॉवर सेक्टर की 66 फीसदी की हिस्सेदारी है जबकि हवाई अड्डा विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 24 फीसदी है।
हालांकि कंपनी की हवाई अड्डे के विनिर्माण से प्राप्त होने वाले राजस्व में तेजी से वृध्दि की संभावना है और 2010 तक इसके कुल राजस्व के 56 फीसदी तक पहुंचने के आसार हैं। कंपनी के राजस्व में यह वृध्दि कंपनी के हैदराबाद हवाई अड्डे के विनिर्माण कार्य के पूरा होने और अगस्त 2008 तक दिल्ली हवाई अड्डे के विस्तार कार्य के पूरा होने के बाद होगी।
इसके अतिरिक्त कंपनी तुर्की के इस्तांबुल में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का परिचालन करती है। यह परियोजना मौजूदा सुविधाओं के परिचालन के लिये रियायते देने का कार्य करती है और इसके अतिरिक्त कंपनी इस हवाई अड्डे पर नयी अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कार्य भी कर रही है। कंपनी के एयरपोर्ट डिवीजन में दिल्ली एयरपोर्ट से सबसे ज्यादा राजस्व आने के आसार हैं क्योंकि इसे देश के सबसे ब्यस्ततम एयरपोर्ट में से एक माना जाता है।
कंपनी को दिल्ली एयरपोर्ट के परिचालन की अनुमति 2007 में मिली थी और कंपनी को कुल प्राप्त राजस्व में से 45.99 फीसदी भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण को देना होगा। कंपनी हवाई अड्डे का विकास कई चरणों में करेगी जिसमें लाभ मिलना पहले चरण के अगस्त 2008 में पूरा होने के बाद शुरु होगा। दिल्ली हवाई अड्डे से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इस संख्या के लगातार बढ़ने के ही आसार है।
दिसंबर 2007 तक के आकड़ों पर यदि गौर किया जाय तो दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या 20 फीसदी की गति से बढ़ी है। इसके अतिरिक्त एक लंबी अवधि(10 वर्ष) में कंपनी की सालाना वृध्दि 11 से 12 फीसदी के बीच रहने के आसार हैं। जोकि एक स्वस्थ बढ़त का संकेत है। कंपनी ने 23 मार्च,2008 को हैदराबाद हवाई अड्डे का निर्माण कार्य पूरा किया है जिसका परिचालन एसपीवी के जरिये किया जाता है। इस हवाई अड्डे में कंपनी की 63 फीसदी की हिस्सेदारी है।
हैदराबाद हवाई अड्डे में पिछले सालों में 27 फीसदी की गति से यात्रियों की संख्या बढ़ी है जबकि कार्गो ट्रैफिक में 14 फीसदी तक की वृध्दि दर हुई है। हैदराबाद के भविष्य में आईटी और बीपीओ के केंद्र बनने के चलते यहां यात्रियों की संख्या लंबी अवधि में 12 से 13 फीसदी के लगभग रहने के आसार हैं। यहां पर एसपीवी की एएआई के साथ मात्र चार फीसदी राजस्व बंटवारे की हिस्सेदारी होगी।
यात्रियों की संख्या में इजाफा के अलावा दोनों हवाई अड्डों में राजस्व कमाने के और भी कई गैर-वैमानिकी स्त्रोत है जैसे कि स्टोर,शुल्क मुक्त शॉप,खाने की दुकानें, विज्ञापनों और कार-पार्किंग के जरिये आने के आसार हैं। इस तरह भारी मात्रा में राजस्व एकत्रित हो सकेगा। दिल्ली एयरपोर्ट पर शुल्क मुक्त दुकानों के परिचालन के लिये दिल्ली एयरपोर्ट का फ्यूचर समूह के साथ 40 महीने का समझौता है जिसमें न्यूनतम जमाराशि 500 करोड़ रुपये है।
रियल एस्टेट
गैर-वैमानिकी और वैमानिकी राजस्व के अतिरिक्त कंपनी दोनों हवाई अड्डों के आस-पास की जमीन के विकास से भी लाभ कमायेगी। दिल्ली एयरपोर्ट एसपीवी के पास 250 एकड़ से भी अधिक जमीन के विकास का अधिकार है जबकि हैदराबाद हवाई अड्डे के आसपास कंपनी 1,000 एकड़ भूमि के विकास का कार्य करेगी जिसमें परमिशेबल फ्लोर इंडेक्स भी शामिल है।
इस हवाई अड्डे से जुड़ी हुई सुविधायें जैसे हास्पिटैलिटी,कामर्शियल और रिटेल क्षेत्र शामिल हैं। विश्लेषकों के मुताबिक दिल्ली एयरपोर्ट पर 25 रुपये प्रति शेयर और हैदराबाद एयरपोर्ट पर 65 रुपये प्रति शेयर पर कीमतें निर्धारित होंगी।
बिजली
जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर के पास वर्तमान में 808 मेगावॉट का गैस-आधारित प्लांट है। इसके अतिरिक्त कंपनी आठ नये जल-विद्युत और कोयले पर आधारित संयंत्रों का निर्माण कर रही है। जिनकी कुल मिलाकर क्षमता 4,340 मेगॉवाट होगी।
इनमें कुल परियोजनाओं के 2012 तक पूरे हो जाने के आसार है जिससे कंपनी को अपनी क्षमता को 2000 मेगॉवाट तक पहुंचाने में मद्द मिलेगी। जबकि बचे हुये के चरणबध्द तरीके से 2015 पूरे होने के आसार है। मौजूदा पॉवर परिसंपत्तियों जिसमें की कंपनी की निर्माणगत कंपनियां भी शामिल हैं,का मूल्यांकन 30 से 38 रुपये प्रति शेयर के बीच होने पर जीएमआर के संपूर्ण मूल्यांकन में मद्द मिलेगी।
सड़क
रोड के क्षेत्र में कंपनी के पास विभिन्न परियोजनाओं में 70 से 100 फीसदी तक की हिस्सेदारी है। कंपनी के इस क्षेत्र में हालात बहुत सुधरे हुये लगते है क्योंकि आधी परियोजनायें एन्यूटी आधारित है जबकि शेष परियोजनायें टोल आधारित हैं। इसप्रकार कंपनी के पास लगभग 422 किलोमीटर के विनिर्माण का अधिकार है। इनमें से दो परियोजनायें इस समय परिचालन में है। जिनका कि वाणिज्यिक रुप से उपयोग हो रहा है।
बाकी परियोजनायें अभी विकास के चरण में हैं और इनके चरणबध्द तरीके से 12 से 15 महीनों के भीतर पूरे होने के आसार हैं। विश्लेषकों ने कंपनी के रोड प्रोजेक्ट का आठ रुपये प्रति शेयर की दर पर मूल्यांकन किया है। कंपनी ने रोड के क्षेत्र में भारी निवेश करने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं के लिये अर्जी दाखिल की है। इसतरह कंपनी के इस क्षेत्र में भी प्रदर्शन के बेहतर रहने के आसार हैं।
मूल्यांकन
शेयर बाजार में हालिया आयी गिरावट के बाद भी जीएमआर के शेयरों के मूल्यों में सुधार और लगभग सभी कारोबारी क्षेत्रों में इसके बेहतर प्रदर्शन की आशा ने कंपनी के शेयरों के प्रति निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। कंपनी का शेयर एक बेहतर विकल्प के रुप में निवेशकों के समक्ष आया है।विश्लेषकों ने कंपनी के सभी कारोबार के सम्मिलित रुप से शेयरों का मूल्यांकन 210 रुपये से 290 रुपये प्रति शेयर के बीच किया है।