जीआईसी की नजर टकाफुल रीइंश्योरेंस पर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 3:01 AM IST

रीइंश्योरेंस करने वाली देश की एकमात्र कंपनी जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन इस वित्तीय वर्ष में रीटकाफुल योजना शुरू करने जा रही है।


यह रीइंश्योरेंस योजना शरिया के सिध्दांतों पर काम करने वाली इंश्योरेंस कंपनियों के लिए होगी। रीइंश्योरेंस का तात्पर्य इंश्योरेंस कंपनियों का बीमा करने से है। ठीक उसी तरह रीटकाफुल यानी टकाफुल कंपनियों को इंश्योरेंस सपोर्ट प्रदान करना। 

टकाफुल इंश्योरेंस कंपनियां वो कंपनियां होती हैं जो इस्लामिक कानूनों के तहत बीमा की सुविधा प्रदान करती है। किसी सामान्य बीमा योजना में क्लेम का भुगतान करने के बाद इंश्योरेंस कंपनी द्वारा जो सरप्लस इकठ्ठा किया जाता है उसे शेयरहोल्डर में बांट दिया जाता है जबकि टकाफु ल इंश्योरेंस कंपनियों में जमा हुए सरप्लस को पॉलिसीहोल्डरों में बांट दिया जाता है।

इसी तर्ज पर रीटकाफुल के तहत इस सरप्लस को प्रत्येक तीन साल में टकाफुल इंश्योरेंस कंपनियों में बांट दिया जाएगा। जीआईसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक योगेश लोहिया ने कहा कि जीआईसी बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और सउदी अरब में टकाफुल इंश्योरेंस कंपनियों को रीइंश्योरेंस की सुविधा प्रदान करने पर अपना ध्यान केन्द्रित करेगी।

लोहिया इस सप्ताह सउदी अरब की यात्रा  पर जा रहे हैं जहां वह टकाफुल रीइंश्योरेंस के कारोबार के विभिन्न पहलुओं पर विचार करेंगे। पिछले महीने जीआईसी की एक टीम टकाफुल के कामकाज की समीक्षा के लिए सउदी अरब की यात्रा पर थी। शुरुआत में जीआईसी अपने मुंबई मुख्यालय में रीटकाफुल डिविजन की स्थापना करेगी और बाद में बड़े पैमाने पर कारोबार को फैलाएगी।

लोहिया ने कहा कि यह एक नया क्षेत्र होगा और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं की समग्र जानकारी के लिए हम एक रोडमेप तैयार करने की कोशिश कर रहें हैं। लोहिया ने कहा कि इसके लिए हमें शरिया लॉ बोर्ड के किसी सदस्य की आवश्यकता होगी जो इस बात की पुष्टि करेंगे कि होनवाले निवेश और परिचालन इस्लामी शरिया कानून के अनुसार हो रहें हैं।

जीआईसी के रीटकाफुल योजना का उद्देश्य अपने विदेशी कारोबार में इजाफा करना है। वर्ष 2007-08 के लिए जीआईसी का विदेशी बिजनेस पोर्टफोलियो इसके कुल प्रीमियम का 24 प्रतिशत रहा। जीआईसी के एक  अधिकारी ने बताया कि टकाफु ल इंश्योरेंस काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और इस कारण हम इससे मुंह नहीं मोड़ सकते और साथ ही इसके साथ जुड़ी जबावदेहियां भी कम हैं।

जीआईसी ने लंदन और दुबई में अपनी शाखाएं खोल रखी है और मास्को में इसका एक प्रतिनिधि कार्यालय भी है। जीआईसी का अफ्रीका, तंजानिया और सिंगापुर की कंपनियों में सीधी भागीदारी है।  इसके अलावा इसने सार्क देशों, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिमी एशिया और अफ्रीका की कंपनियों के लिए विभिन्न रीइंश्योरेंस योजनाएं शुरू की है।

हैनोवर आरई  के साथ समझौता

जीआईसी ने हैनोवर के साथ संयुक्त कारोबार का समझौता किया है जिसके तहत जीवन बीमा कंपनियों को रीइंश्योरेंस सपोर्ट प्रदान किया जाएगा। इस संयुक्त कारोबार में जीआईसी का हिस्सा 74 प्रतिशत का होगा जबकि बाकि 26 प्रतिशत हिस्सा हैनोवर का होगा  इस संयुक्त कारोबार को जीआईसी के तहत ही एक  विभाग के रूप में शुरू किया जाएगा और इसे बाद में एक शाखा का रूप दे दिया जाएगा। संयुक्त कारोबारी समझौते के तहत हैनोवर जीआईसी को तकनीकी तकनीकी सेवा मुहैया कराएगी।

First Published : June 2, 2008 | 11:12 PM IST