दोतरफा लाभ : छूट के साथ कवर भी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 4:46 PM IST

मार्च का महीना निकट आता जा रहा है और करदाताओं को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वे धारा 80सी और 80डी के तहत आयकर में छूट का लाभ लेने के लिए पर्याप्त बीमा खरीदें।


लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इसके लिए सभी सीमाओं का इस्तेमाल किया जाए। इस पर कर लाभ के लिहाज से विचार करें। धारा 80डी के तहत चिकित्सा बीमा प्रीमियम 15,000 रुपये तक है। इसी तरह धारा 80सी के तहत लाभ हासिल करने के लिए जीवन बीमा प्रीमियम 1 लाख रुपये तक है।

समुचित बीमा सुनिश्चित करने के लिए सही कवर पर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है। लेकिन सबसे पहले आपको अपनी जरूरतों की पहचान करने की आवश्यकता है और ये जरूरतें आपकी उम्र, आश्रितों और अन्य कारकों के मुताबिक बदलती रहती हैं। यहां हम आपको कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव दे रहे हैं।

25 और 35 साल की उम्र के बीच : अक्सर इस उम्र सीमा में अपना करियर शुरू करने वाले व्यक्ति के पास कई आश्रितों का बोझ नहीं होता है। इसलिए उसे किसी बड़े जीवन बीमा कवर की जरूरत कम ही पड़ती है।

लेकिन उम्र के इस पड़ाव का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इस दौरान प्रीमियम काफी कम होता है। इसलिए लोगों को इस उम्र में पॉलिसी की शुरुआत करना फायदेमंद सौदा साबित होता है।

हालांकि चिकित्सा बीमा इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि किसी दुर्घटना का शिकार होने के मामले में चिकित्सा खर्च काफी अधिक हो सकता है।

इस उम्र में बीमा कवर की खरीदारी आपको ओवर टाइम के लिए भी प्रेरित करती है जो बाद की उम्र में आपके लिए बेहद मददगार हो सकता है।

अप्रैल से चिकित्सा बीमा पॉलिसी की शुरुआत करना बेहद उपयोगी है। इसके लिए कवर सीमा 5 लाख रुपये की होनी चाहिए। अगर आप जीवन बीमा की पॉलिसी खरीदना चाहते हैं तो टर्म प्लान को चुनें, क्योंकि यह बीमा का सबसे सस्ता स्वरूप है।

आपके लिए सही एवं उपयुक्त कवर वही है जो आपके वेतन के अनुरूप हो। अगर इस उम्र सीमा में आपकी शादी हो जाती है तो कवर काफी बढ़ जाता है। अपनी पत्नी के लिए भी कुछ कवर लें।

35 और 45 साल की उम्र के बीच : यह ऐसा वक्त होता है जब आपके वेतन में तो इजाफा हो जाता है, लेकिन इसके साथ-साथ बच्चों और माता-पिता के संदर्भ में जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। व्यक्ति और उसके परिवार की वित्तीय स्थिति के अनुरूप यह वक्त बीमा कवर को और अधिक मजबूत बनाने का होता है।

उम्र के इस पड़ाव को प्रीमियम के भुगतान के लिए अधिक सक्षम समझा जाता है। इस अवधि के दौरान आजीवन पॉलिसी का चयन करें, क्योंकि यह पॉलिसी आपकी मौत की स्थिति में रकम का भुगतान सुनिश्चित करेगी।

हालांकि ऐसी पॉलिसी के लिए प्रीमियम अधिक होता है, लेकिन इस उम्र सीमा के दौरान ऐसी पॉलिसी की खरीदारी समझदारी का सौदा है। इस समय अवधि के दौरान बीमा पॉलिसी के जिस अन्य प्रकार की सलाह दी जाती है, वह है पेंशन पॉलिसी।

इस उम्र सीमा में इसे शुरू करना सही है, क्योंकि पैसा जमा करने के लिए आपको काफी समय मिल जाएगा। आप जब रिटायर होंगे तो आपको बड़ा लाभ हासिल होगा। इस उम्र सीमा के दौरान पूरे परिवार के लिए चिकित्सा बीमा को जारी रखा जाना चाहिए।

45 वर्ष और इससे ऊपर : इस उम्र के लोगों को बीमा की योजना अपने भविष्य, खासकर बाद के वर्षों, को ध्यान में रख कर बनानी चाहिए। लेकिन इस समयावधि का एक बड़ा नुकसान यह है कि किसी नई पॉलिसी को खरीदने पर आपको उम्र के हिसाब से प्रीमियम काफी अधिक चुकाना होगा।

इस अवधि में यह ध्यान देना बेहद जरूरी है कि आपको इस अवधि के शुरुआती चरण (35 और 45 वर्ष) के दौरान बीमा खरीद लेना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आप सेवानिवृति के समय इसका फायदा उठा सकेंगे।

अगर आप कोई नई पॉलिसी खरीदने की योजना बना रहे हैं तो सिंगल प्रीमियम वाली पॉलिसी को चुनें जो गारंटीड रिटर्न की पेशकश करती हो। मौजूदा समय में बाजार में ऐसी कई पॉलिसी मौजूद हैं। ऐसी पॉलिसी की खरीद यह सुनिश्चित करेगी कि बीमा कवर के साथ-साथ आप कर-मुक्त रिटर्न मिलेगा।

लेकिन अगर आपको इस उम्र में बीमार पड़ने की आशंका अधिक हो तो चिकित्सा बीमा को बरकरार रखने के लिए आपको थोड़ा अधिक प्रीमियम चुकाना होगा। यह चिकित्सा बीमा उस स्थिति में बेहद जरूरी है जब आपने चिकित्सा खर्च से निपटने के लिए पर्याप्त धन इकट्ठा करके नहीं रखा हो।

अगर आपने ऐसा नहीं भी किया है तो कोई चिकित्सा बीमा नहीं खरीदें, क्योंकि बाद के वर्षों में इसका प्रीमियम काफी अधिक हो जाता है।

(लेखक जाने-माने वित्तीय योजनाकार हैं)

First Published : January 4, 2009 | 9:07 PM IST