येस बैंक में लागत नियंत्रण की संस्कृति का अभाव है और नए प्रबंधन के तहत निजी क्षेत्र का यह बैंक चालू वित्त वर्ष 2020-21 में परिचालन खर्च में 20 फीसदी की कटौती का लक्ष्य लेकर चल रहा है। येस बैंक के नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक निदेशक प्रशांत कुमार ने कहा, बैंक पट्टे पर लिए गए गैरजरूरी स्थलों को वापस कर रहा है।
कुमार ने कहा कि बड़े चूककर्ता अदालतों की शरण में जा रहे हैं, जिससे मुंबई के इस बैंक को ऋण वसूली में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। येस बैंक के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी राणा कपूर के कार्यकाल में कामकाज के संचालन में कई खामियां सामने आने के बाद भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई में बैंकों के गठजोड़ ने बैंक में पूंजी डॉलकर इसे बचाया था। उसके बाद मार्च में कुमार को बैंक का नया प्रमुख नियुक्त किया गया था। सितंबर तिमाही में बैंक के परिचालन लाभ में 21 फीसदी की गिरावट आई थी। कुमार ने कहा, दुर्भाग्य की बात यह है कि बैंक में लागत पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने बताया कि एक वैश्विक परामर्शक ने चालू वित्त वर्ष में 2019-20 की तुलना में परिचालन खर्च में 20 फीसदी की कमी लाने के लिए कदम-दर-कदम एजेंडा सुझाया है। कुमार ने कहा कि बैंक ने मध्य मुंबई के इंडियाबुल्स फाइनेंस सेंटर में पहले ही दो फ्लोर छोड़ दिए है। इसके अलावा बैंक सभी 1,100 शाखाओं के लिए किराए पर नए सिरे से बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से बैंक को किराए में करीब 20 फीसदी की कमी आने की उम्मीद है।
