देश की नई वित्तीय सेवा प्रदाताओं में से एक रेलिगेयर इंटरप्राइजेज बड़ी विस्तार योजनाओं पर काम कर रही है।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी निदेशक और प्रबंध निदेशक सुनील गोधवानी ने वंदना को ई-मेल पर दिए एक साक्षात्कार में बताया कि किस प्रकार कंपनी हर तरह की वित्तीय जरूरतों के लिए एक वन-स्टॉप शॉप बनने की योजना बना रही है।
रेलिगेयर खुदरा या फिर संस्थागत किस प्रकार के कारोबार पर ध्यान केंद्रित करेगी?
हमारे लिए खुदरा कारोबार बेहद मजबूत कारोबार है। लिहाजा हम मझौले आय वाले यानी मिडिल नेटवर्थ इंडिविजुअल्स की वित्तीय जरूरतों के मद्देनजर रेलिगेयर फिनमार्ट ला रहे हैं। पहले साल में हमारी योजना है कि हमारे पास तकरीबन इसके 200 स्टोर होंगे। इसके अलावा हम इक्विटी और बीमा ब्रोकिंग कारोबार में रिटेल की मौजूदगी भी बढ़ाएंगे।
साथ ही हम संस्थागत ब्रोकिंग कारोबार को रेलिगेयर कैपिटल मार्केट्स में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में है जो इस वक्त रेलिगेयर सिक्योरिटीज द्वारा चलाया जा रहा है। जैसा कि आपको पता होगा कि रेलिगेयर कैपिटल मार्केट्स रैनबैक्सी और जापानी कंपनी डायची के साथ सौदे में रैनबैक्सी के सिंह परिवार का एक्सक्लूसिव सलाहकार था।
मुझे इसमें पक्का विश्वास है कि इन्वेस्टमेंट बैंकिंग का जैसा प्रारूप इस वक्त है कि यह एक ट्रांजैक्शन आधारित कारोबार है और अब यह जल्द ही रिश्तों पर आधारित कारोबार में तब्दील हो जाएगा। इसके अलावा आक्रामक और नये तरीकों से हम आशा करते हैं कि हम लगातार विकास और वैश्विक स्तर पर कारोबार करते रहेंगे। हमारी कारोबार में और विस्तार करने की योजना है।
रेलिगेयर एगॉन म्युचुअल फंड और जीवन बीमा के तहत नये कारोबारों में किन प्रकार की योजनाएं हैं?
हम जीवन बीमा कारोबार को लेकर उत्साहित हैं और यह कारोबार हम एगॉन के साथ मिलकर कर रहे हैं। इसके अलावा हम असेट मैनेजमेंट कारोबार भी उसके साथ संयुक्त उपक्रम के तहत कर रहे हैं जिसमें दोनों की साझेदारी आधी आधी है। इसके अलावा हमें अपने बोर्ड से भी इस बात की मंजूरी मिली है कि हम साधारण बीमा कारोबार में कदम रखें जो इस साल के अंत तक शुरू हो जाएगा।
इस कारोबार के लिए हम एक साझीदार खोज रहे हैं। इसके अलावा मैक्वायरी के साथ संयुक्त उपक्रम में चलने वाला वेल्थ मैनेजमेंट कारोबार भी अच्छी शक्ल ले रहा है जहां हम अपने ऑपरेशनों और सेंट्रल लीडरशिप टीम को हमेशा बढ़ाते रहते हैं। इसके अलावा हम अपने ग्राहक वित्तीय कारोबार में क्रेडिट कार्ड के आइडिया को भी टटोल रहे हैं। जबकि भविष्य की योजनाओं में बैंकिंग एक सेक्टर होगा जिसमें हम कदम रखना पसंद रखेंगे।
भारतीय उद्योगपतियों के बीच प्राइवेट इक्विटी में कदम रखने का एक चलन सा बन पड़ा है। क्या रेलिगेयर भी इस ओर देख रही है?
हमने रेलिगेयर वेंचर कैपिटल नाम की एक सब्सिडियरी शुरू की है। इसके अलावा दो तीन योजनाएं भी अभी पाइपलाइन में हैं। हमारा चूंकि प्रोप्राइटरी पैसों को स्थानांतरित करने का इरादा नहीं है। लिहाजा यह तीसरी कोई पार्टी होगी जो फंड जुटाएगी। इसके अलावा हम अपने फंडों के लिए सही समय पर सेबी में अर्जी देंगे। हम रियल एस्टेट सहित तमाम प्रकार के विकल्पों पर नजर रखे हुए हैं।