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डिजिटल मीडिया संबंधी एफडीआई नियमों में चीनी ऐप पर सख्ती

Last Updated- December 14, 2022 | 10:29 PM IST

शुक्रवार को डिजिटल मीडया खंड से संबंधित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नए नियमों की घोषणा से सरकार को डिजिटल मीडिया खंड में विदेशी खासकर, चीन की कंपनियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों ने कहा कि अब नए एफडीआई नियमों से ऐसी कंपनियों पर निगरानी बढ़ जाएगी और देसी कंपनियों को भी इस खंड में समान अवसर उपलब्ध होंगे।समाचार संग्रह (न्यूज एग्रीगेटर) करने वाले मोबाइल एप्लीकेशन डेलीहंट और इनशॉट्र्स में करीब 80 प्रतिशत तक विदेशी हिस्सेदारी है और ये डजिटल न्यूज मीडिया में मालिकाना नियंत्रण संबंधी एफडीआई नियमों का पालन नहीं करते हैं। इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (आईएनएस) ने हाल में सरकार को लिखे एक पत्र में इसे लेकर चिंता जताई थी।
केंद्र ने शुक्रवार को नए नियमों के तहत न्यूज एग्रीगेटर जैसे समाचार एजेंसियों, ऐप और अन्य ऑनलाइन माध्यमों के लिए 26 प्रतिशत विदेशी निवेश सीमा का पालन करना अनिवार्य बना दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी डिजिटल मीडिया
कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) और विदेशी कर्मचारियों को सुरक्षा मंजूरी देने के प्रावधान से विदेशी कंपनियां पर निगरानी बढ़ जाएगी और वे स्थानीय नियमों एवं दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। इस बारे में इलारा कैपिटल के उपाध्यक्ष (शोध) करण तौरानी ने कहा, ‘सरकार के इस कदम का मकसद घरेलू कंपनियों को समान अवसर मुहैया करना है।’ सरकार को लिखे आईएनएस के पत्र में भी यही चिंता व्यक्त की गई थी। इसमें इसे लेकर चिंता जताई गई थी कि चीन की और विदेशी कंपनियों के नियंत्रण वाले न्यूज एग्रीगेटरों ने पिछले कुछ वर्षों में अपने ऐप के प्रचार-प्रसार पर करीब 20 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं। आईएनएस ने कहा, ‘इसके अलावा ये कंपनियां भारत में उपभोक्ताओं की जानकारियां भी जुटाती हैं और इन्हें बेचने की कोशिश के साथ ही विदेशी साझेदारों के साथ इन्हें साझा करती हैं।’

First Published - October 18, 2020 | 11:20 PM IST

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