facebookmetapixel
Infosys के ₹18,000 करोड़ के ‘बायबैक’ की रिकॉर्ड डेट आज: जानें निवेशक कब कर पाएंगे शेयर टेंडरGold Price Today: सोना ₹1.27 लाख के करीब, चांदी में 500 रुपये की तेजी; जानें ताजा भावIndiGo पर ₹5,700 लगाकर ₹24,300 तक कमाने का मौका! HDFC सिक्योरिटीज ने बताई दमदार बुल स्प्रेड स्ट्रैटेजीमुफ्त योजनाएं भारत के रुपये को बना रहीं कमजोर: क्रिस्टोफर वुड की रिपोर्टBihar Election Results 2025 LIVE: शुरुआती रुझानों में NDA ने बहुमत का आंकड़ा पार किया- चुनाव आयोगStock Market Update: आईटी शेयरों में बिकवाली से बाजार में दबाव, सेंसेक्स 350 अंक टूटा; निफ्टी 25800 के नीचे फिसलाBihar Assembly elections 2025: राघोपुर से लेकर अलीनगर तक, इन 8 हॉट सीट पर रहेंगी सभी की नजरेंQ2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबाव

सरकारी खरीद के पैमाने सख्त

Last Updated- December 14, 2022 | 10:24 PM IST

सरकार ने सार्वजनिक खरीदों या केंद्र सरकार या सरकारी कंपनियों द्वारा ठेका आमंत्रित करने के मामले में चीन और पाकिस्तान सहित भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों के बोलीदाताओं के लिए अपने पात्रता मानदंड को और ज्यादा सख्त कर दिया है।
हाल में जारी किए गए नए सामान्य वित्तीय नियमों के मुताबिक पड़ोसी देशों के बोलीदाताओं को अनिवार्य रूप से यह लिखित रूप में देना होगा कि नए निदेशक की नियुक्ति या फिर 10 फीसदी से अधिक की साझेदारी वाले शेयरधाक को लाकर नियंत्रक स्वामित्व में तब्दीली करने पर उन्हें मिला पंजीकरण स्वत: निरस्त
हो जाएगा।
इससे पहले सरकारी ठेकों में बोली लगाने वाले संभावित बोलीदाताओं के लिए ऐसी कोई सीमा निर्धारित नहीं थी।
ये बदलाव जुलाई में जारी अधिसूचना को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। तब जारी की गई अधिसूचना में सरकार ने इन देशों को उद्योग संवद्र्घन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अंतर्गत पंजीकरण समिति में अपना पंजीकरण कराने का निर्देश दिया था। उन्हें विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय से अनिवार्य सुरक्षा मंजूरी भी लेनी होगी।
विशेषज्ञ कहते हैं कि यह और अधिक सख्ती डीपीआईआईटी के पास दर्ज आवेदनों और उसके पास लंबित आवेदनों को मद्देनजर रखते हुए की गई है। खेतान ऐंड कंपनी में पार्टनर अतुल पांडे ने कहा, ‘सार्वजनिक खरीद के मामले में बोलीदाताओं के पंजीकरण के लिए डीपीआईआईटी की ओर से जारी संशोधित प्रारूप में अब संभावित बोलीदाताओं को अपने से अलग विनिर्माता/सेवा प्रदाता/ठेकेदार की जानकारियों को विस्तार से देना होगा। इन जानकारियों को पहले से अधिक विस्तार से देनी होगी।’
उनके मुताबिक नए मानदंड में विनिर्माता/सेवा प्रदाता/ठेकेदार की ओर से दी गई सुरक्षा मंजूरी से अलग सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता पड़ेगी जिसे गृह मंत्रालय द्वारा जांचा जाएगा।
डीपीआईआईटी के जुलाई के आदेश में यह भी कहा गया था कि भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों के बोलीदाता सामानों या सेवाओं (परामर्श सेवाओं और गैर-परामर्श सेवाओं सहित) की किसी खरीद में बोली लगाने के लिए तभी पात्र होंगे जब उन्होंने सक्षम प्राधिकारी के समक्ष अपना पंजीकरण कराया हो।
 उल्लेखनीय है कि नए नियम केवल सरकार और मंत्रालयों से संबंधित ठेकों के लिए हैं और अप्रैल में आए बदले हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों से इसका कोई लेना देना नहीं है।

First Published - October 20, 2020 | 11:50 PM IST

संबंधित पोस्ट