facebookmetapixel
Delhi Weather Update: सावधान! दिल्ली-NCR में जहरीली हवा का कहर, IMD ने कोल्ड-वेव अलर्ट जारी कियाNowgam Blast: फरीदाबाद में जब्त विस्फोटकों के कारण श्रीनगर में पुलिस थाने में धमाका; 8 की मौत, 27 घायलDecoded: 8वें वेतन आयोग से कर्मचारी और पेंशनरों की जेब पर क्या असर?DPDP के नए नियमों से बढ़ी ‘कंसेंट मैनेजर्स’ की मांगसरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइनबिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA 200 के पार, महागठबंधन की करारी हारबिहार की करारी हार से राजद-कांग्रेस के समक्ष अस्तित्व का संकट, मोदी बोले- पार्टी अब टूट की ओरबिहार में NDA की प्रचंड जीत से बैकफुट पर विपक्ष, चुनाव आयोग पर उठाए सवालNDA की जीत में पासवान, मांझी गठबंधन ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी: 10 बिंदुओं में बिहार चुनाव नतीजों के निष्कर्षबिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगे

प्रतिबंधों से 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

Last Updated- December 12, 2022 | 5:33 AM IST

देश के प्रमुख शहरों में आवाजाही पर कठोर प्रतिबंध और लॉकडाउनों से आर्थिक गतिविधि पर असर पड़ेगा और इससे 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा। यह जानकारी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की आर्थिक विंग की रिपोर्ट से मिली है।  

एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्यकांति घोष ने 23 अप्रैल की अपनी टिप्पणी में लिखा, ‘कुल अनुमानित नुकसान 1.5 लाख करोड़ रुपये का है जिसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान की हिस्सेदारी 80 फीसदी है। इसमें केवल महाराष्ट्र की हिस्सेदारी ही 54 फीसदी है।’ इसको देखते हुए एसबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमानों में कमी कर दी है। एसबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 के लिए एसबीआई का संशोधित अनुमान अब वास्तविक जीडीपी के लिए 10.4 फीसदी है जो पहले 11 फीसदी था और नॉमिनल जीडीपी के लिए 14.3 फीसदी है जो पहले 15 फीसदी था।
इस बीच पूरे महाराष्ट्र के प्रमुख आर्थिक केंद्रों से श्रमिकों का अपने गृह नगर जाने के लिए पलायन से उत्पादन क्षेत्र पर एक अन्य जोखिम आ गया है। एसबीआई ने महाराष्ट्र को करीब 82,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया है जो प्रतिबंधों के और कड़े होने पर बढ़ सकता है।
घोष ने लिखा, ‘पश्चिम रेलवे की ओर से 1 अप्रैल से 12 अप्रैल तक के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र से करीब 4,33,00 लोग उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और ओडिशा जैसे राज्यों में लौट चुके हैं। इनमें से करीब 3,23,000 केवल यूपी और बिहार में लौटे हैं। मध्य रेलवे से लौटने वालों को लेकर हमारा अनुमान है कि महाराष्ट्र से करीब 4,70,000 लोगों ने उत्तरी और पूर्वी राज्यों में पलायन किया है।’
इसके बावजूद विश्लेषकों का अनुमान है कि असर अल्पकालिक रहेगा बशर्ते कि आवाजाही पर रोक को विस्तारित कर बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था पर असर नहीं डाला जाए।
उदाहरण के लिए नोमुरा के विश्लेषकों का अनुमान है कि यह असर केवल अगले एक से तीन महीने के लिए ही नजर आएगा। उनका कहना है कि इस साल अर्थव्यवस्था महामारी को झेलने में अधिक सक्षम हो गई है।    
नोमुरा की प्रबंध निदेशक और मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) सोनल वर्मा ने अरुदीप नंदी के साथ मिलकर लिखी एक हालिया टिप्पणी में कहा, ‘कुल मिलाकर हमें वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में क्रमिक आधार पर नुकसान होने की आशंका है लेकिन एक बार दूसरी लहर समाप्त हो जाने पर जो कि हमारे मुताबिक जुलाई-सितंबर में हो सकता है, आगामी तिमाही में दबी हुई मांग में इजाफा होना चाहिए। इसके अलावा जून के बाद तीव्र टीकाकरण, सुगम वित्तीय परिस्थितियों के असर, वित्त वर्ष के आवंटन का बड़ा हिस्सा पहले खर्च करने की वित्तीय सक्रियता और मजबूत वैश्विक वृद्घि से भी अर्थव्यवस्था को लाभ होना चाहिए।’ 

First Published - April 23, 2021 | 11:46 PM IST

संबंधित पोस्ट