अर्थव्यवस्था

RBI gold buying:आरबीआई ने मार्च में फिर सोने पर लगाया दांव, फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़कर 12 फीसदी के करीब पहुंची

आरबीआई के कुल विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) में सोने की हिस्सेदारी बढ़कर अब तक के उच्चतम स्तर 11.7 फीसदी पर पहुंच गई है।

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अजीत कुमार   
Last Updated- April 23, 2025 | 2:08 PM IST

RBI’s gold purchase March 2025: सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी के बीच आरबीआई (RBI) ने मार्च के दौरान एक बार फिर से सोने की खरीदारी की। फरवरी के दौरान सेंट्रल बैंक ने सोने की खरीद से परहेज किया था जबकि साल की शुरुआत यानी जनवरी में इसने 2.8 टन सोना खरीदा था। बीते दिसंबर में भी लगातार 11 महीने की खरीद के बाद केंद्रीय बैंक ने खरीदारी से अपने हाथ खींचे थे। पिछले साल जनवरी से लेकर नवंबर तक आरबीआई ने औसतन 6.6 टन सोना खरीदा। 

केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश के गोल्ड रिजर्व में मार्च के दौरान 0.57 टन का इजाफा हुआ और यह बढ़कर 879.58 टन पर पहुंच गया। इस तरह से इस साल की पहली तिमाही के दौरान आबीआई ने 3.37 टन सोना खरीदा। लगातार खरीद और कीमतों में शानदार तेजी के दम पर आरबीआई के कुल विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) में इस बेशकीमती धातु की हिस्सेदारी बढ़कर अब तक के उच्चतम स्तर 11.7 फीसदी पर पहुंच गई है। पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले यह 57.5 टन यानी तकरीबन 4 फीसदी ज्यादा है। 29 मार्च 2024 को देश का कुल गोल्ड रिजर्व 822.09 टन था और उस समय फॉरेक्स रिजर्व में उसकी हिस्सेदारी महज 8 फीसदी थी। 

अवधि गोल्ड रिजर्व (टन) गोल्ड रिजर्व (अरब डॉलर ) फॉरेक्स रिजर्व  (अरब डॉलर )
29 मार्च 2024 822.09 52.16 645.58
27 दिसंबर 2024 876.18 66.27 640.28
31 जनवरी  2025 879.01 70.89 630.61
28 फरवरी  2025 879.01 73.27 638.69
28 मार्च 2025 879.58 77.79 665.40

स्रोत: आरबीआई (RBI)

पिछले साल जनवरी से आरबीआई लगातार अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ा रहा है। दिसंबर 2024 और फरवरी 2025 को छोड़ दें तो बाकी 13 महीनों के दौरान आरबीआई ने औसतन 6.3 टन सोना खरीदा। जानकारों के अनुसार बदलते जियो-पॉलिटिकल परिदृश्य के मद्देनजर भारत जैसे विकासशील देश लगातार अपने गोल्ड रिजर्व में इजाफा कर रहे हैं। फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी फॉरेक्स रिजर्व को डायवर्सिफाई करने की रणनीति का भी हिस्सा है।

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इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने लगातार सातवें साल 2024 में अपने गोल्ड रिजर्व में इजाफा किया। बीते साल आरबीआई की तरफ से 72.6 टन गोल्ड की खरीदारी की गई। सालाना आधार पर देखें तो 2001 के बाद यह केंद्रीय बैंक की तरफ से सोने की तीसरी सबसे बड़ी खरीद है। इससे ज्यादा खरीदारी 2021 और 2009 में देखने को मिली थी। आरबीआई ने 2021 में 77 टन जबकि 2009 में 200 टन सोना खरीदा था।

कैलेंडर ईयर सोने की खरीद (टन)
2024 72.6
2023 16
2022 33
2021 77
2020 38
2019 32.7
2018 40.5

(स्रोत: आरबीआई)

लगातार पांचवें महीने चीन के केंद्रीय बैंक ने की खरीदारी

इस बीच चीन के सेंट्रल बैंक ने मार्च  में लगातार पांचवें  महीने सोने की खरीदारी की। चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) के मुताबिक उसकी तरफ से मार्च में 3 टन (0.09 मिलियन औंस) सोने की खरीद की गई। छह महीने के ब्रेक के बाद पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) ने लगातार पांचवें महीने ( नवंबर 2024 से लेकर मार्च 2025 तक) गोल्ड खरीदा है। मौजूदा कैलेंडर ईयर के पहले तीन महीनों के दौरान चीन के गोल्ड रिजर्व में 13 टन की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 2,292 टन पर पहुंच गया है।

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यूएस डॉलर (US Dollar) में देखें तो चीन के कुल फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़कर रिकॉर्ड 6.5 फीसदी पर पहुंच गई है। फरवरी 2025  तक यह हिस्सेदारी 6 फीसदी जबकि ठीक एक साल पहले मार्च 2024 तक 4.6 फीसदी थी। इस तरह से देखें तो एक साल में चीन के फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी में 2 फीसदी का इजाफा हुआ है। नवंबर 2024 से पहले छह महीने तक लगातार चीन के गोल्ड रिजर्व में कोई बढोतरी नहीं दर्ज की गई थी। जबकि चीन के गोल्ड रिजर्व में पिछले साल अप्रैल में लगातार 18 वें महीने इजाफा देखा गया था। अप्रैल के दौरान चीन का गोल्ड रिजर्व 2 टन बढ़कर 2,264 टन पर पहुंच गया था।

चीन के गोल्ड रिजर्व में 2024 और 2023 के दौरान क्रमश 44 टन और 225 टन की वृद्धि हुई ।

जानकारों के अनुसार यदि ट्रंप की नीतियों की वजह से चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर टकराहट और बढ़ती है तो शायद चीन का केंद्रीय बैंक सोने की खरीद में और तेजी लाए। इस बात की गुंजाइश इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि चीन के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड की हिस्सेदारी अभी भी 7 फीसदी के नीचे है। जबकि भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़कर 11 फीसदी के ऊपर पहुंच गई है। जानकार मानते हैं के बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य (geo-political scenario) के मद्देनजर चीन गोल्ड की हिस्सेदारी को कम से कम 10 फीसदी तक बढ़ाना चाहेगा।

 क्यों सेंट्रल बैंक खरीद रहे सोना ?

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के के सर्वे (2024 Central Bank Gold Reserves (CBGR) survey) में भी यह बात सामने आई है कि केंद्रीय बैंकों की तरफ से खरीदारी की सबसे बड़ी वजह लॉन्ग टर्म स्टोर ऑफ वैल्यू यानी इन्फ्लेशन के खिलाफ हेज के तौर पर सोने की भूमिका है। खरीदारी की दूसरी बड़ी वजह इस कीमती धातु का संकट के दौर में प्रदर्शन है। तीसरी वजह पोर्टफोलियो को प्रभावी रूप से डायवर्सिफाई करने में सोने की भूमिका जबकि चौथी वजह डिफॉल्ट को लेकर सोने का जोखिम रहित होना है। जबकि पांचवीं वजह सोने का ऐतिहासिक महत्व (Historical Position) है।

कीमतें रिकॉर्ड हाई पर

घरेलू स्पॉट मार्केट में मंगलवार (22 अप्रैल) को सोने ने पहली बार 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड लेवल को छू लिया। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के मुताबिक स्पॉट (हाजिर) मार्केट में सोना 24 कैरेट (999) मंगलवार  को शुरुआती कारोबार में पिछले कारोबारी दिन (सोमवार) की क्लोजिंग के मुकाबले 3,330 रुपये उछलकर 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड भाव पर दर्ज किया गया। घरेलू फ्यूचर्स मार्केट एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क जून कॉन्ट्रैक्ट मंगलवार को कारोबार के दौरान 99,358 रुपये के रिकॉर्ड हाई तक ऊपर गया। ग्लोबल मार्केट में भी बेंचमार्क स्पॉट गोल्ड (spot gold) कारोबार के दौरान रिकॉर्ड 3,500.05 डॉलर प्रति औंस तक ऊपर गया। इसी तरह बेंचमार्क यूएस जून गोल्ड फ्यूचर्स (Gold COMEX JUN′25) ने 3,509.90 डॉलर का रिकॉर्ड हाई बनाया। 

 

First Published : April 23, 2025 | 1:33 PM IST