अर्थव्यवस्था

MGNREGS: कम बारिश के बीच अगस्त में बढ़ी मनरेगा की मांग

अगर अगस्त की बात की जाए तो कोविड के वर्ष 2020-21 और 2021-22 को छोड़कर 2014-15 के बाद से सबसे अधिक मांग इस वर्ष के दौरान रही

Published by
संजीब मुखर्जी   
Last Updated- September 03, 2023 | 10:59 PM IST

महत्त्वाकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार (मनरेगा) योजना में अगस्त 2023 में करीब 1.91 करोड़ घरों ने रोजगार मांगा है। अगस्त 2023 में मॉनसून से होने वाली बारिश रुक जाने से गांवों में रोजगार मंद हो गया। विशेषज्ञों के अनुसार इससे अगस्त में मनरेगा के तहत काम की मांग बढ़ गई। पिछले साल के समान महीने की तुलना में इस साल अगस्त में काम की मांग 20 फीसदी अधिक रही।

अप्रैल 2023 से जारी निरंतर मांग की तुलना में अगस्त में मांग कम रही है। अगर अगस्त की बात की जाए तो कोविड के वर्ष 2020-21 और 2021-22 को छोड़कर 2014-15 के बाद से सबसे अधिक मांग इस वर्ष के दौरान रही। कोविड महामारी के दौरान मनरेगा की मांग बहुत अधिक बढ़ गई थी। इस क्रम में वित्त वर्ष 2023-24 के संदर्भ में देखा जाए तो कोविड वर्षों को छोड़कर बाकी सभी वर्षों की तुलना में (अगस्त 2023 के अलावा) माह-वार मांग निरंतर अधिक रही।

इस दौरान यह भी आरोप लगे कि आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) के कारण श्रमिकों को भुगतान प्राप्त करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और लाखों श्रमिक कार्यस्थलों पर आने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके बावजूद मनरेगा में कार्य की मांग निरंतर बढ़ती रही।

राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल में यह योजना लगभग बंद हो गई है। आंकड़ों के अनुसार 31 अगस्त, 2023 तक (एबीपीएस प्रणाली में पंजीकृत कराने की अंतिम तिथि) मनरेगा के करीब 14.3 करोड़ श्रमिकों में से करीब 17 फीसदी एबीपीएस से बाहर हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने 30 अगस्त को जारी बयान में कहा कि एबीपीएस के तहत मनरेगा के भुगतान की अंतिम तिथि को बढ़ाकर दिसंबर 2023 या अगले आदेश तक कर दिया गया है। इसमें यह भी कहा गया कि काम करने आने वाले लाभार्थियों को आधार कार्ड प्रस्तुत करना होगा। हालांकि आधार कार्ड नहीं होने की स्थिति में उन्हें कार्य मुहैया कराने ने मना नहीं किया जा सकता है।

.हालांकि सिविल सोसायटी और कार्यकर्ताओं के अनुसार मॉनसून के कमजोर रहने के कारण अगस्त में मनरेगा के तहत काम की मांग में इजाफा हुआ है। वैसे यह ग्रामीण रोजगार के कमजोर होने से भी प्रदर्शित हुआ है और गांवों के गरीब लोगों के लिए रोजगार का अंतिम आश्रय मनरेगा ही होता है।

जुलाई के साथ अगस्त में भी मनरेगा में काम की मांग कम होती है। इसका कारण यह है कि इस अवधि में खरीफ की फसल की बोआई जोरदार ढंग से शुरू होने के कारण रोजगार की मांग पर असर पड़ता है। इस दौरान बोआई में ग्रामीण अस्थायी श्रमिकों को रोजगार मिल जाता है।

मौसम विभाग के अनुसार अगस्त में मॉनसून 1901 के बाद सबसे कमजोर 2023 में रहा और इस साल अगस्त में बारिश केवल 161.7 मिलीमीटर हुई।

First Published : September 3, 2023 | 10:59 PM IST