अर्थव्यवस्था

अर्जेंटीना में पांच लीथियम ब्लॉक हासिल करेगा भारत

बिजनेस स्टैंडर्ड को पता चला है कि केंद्र इन खदानों के अन्वेषण एवं विकास के लिए पांच साल के दौरान करीब 200 करोड़ रुपये का निवेश भी करेगा।

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नितिन कुमार   
Last Updated- December 25, 2023 | 10:25 AM IST

सरकार खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (काबिल) द्वारा उत्खनन के लिए अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में पहचान किए गए पांच ली​थियम ब्लॉक के लिए अर्जेंटीना की सरकार के साथ अन्वेषण एवं विकास समझौता करने की योजना बना रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड को पता चला है कि केंद्र इन खदानों के अन्वेषण एवं विकास के लिए पांच साल के दौरान करीब 200 करोड़ रुपये का निवेश भी करेगा।

मामले की जानकारी रखने वाले सरकारी अधिकारियों ने कहा, ‘बातचीत अंतिम चरण में है और मंजूरी के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति को एक प्रस्ताव पहले ही भेजा जा चुका है।’

ऑस्ट्रेलिया के बाद महत्त्वपूर्ण खनिजों की सोर्सिंग के लिए विदेशी साझेदारी पर हस्ताक्षर करने का यह भारत का दूसरा प्रयास है। साल 2022 में भारत ने दो लीथियम और तीन कोबाल्ट सहित पांच ब्लॉक का पता लगाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के क्रिटिकल मिनरल्स फैसिलिटेशन ऑफिस (सीएमएफओ) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।

नए समझौते पर भारत की संयुक्त उद्यम कंपनी काबिल और कैटामार्का मिनेरा वाई एनर्जेटिका सोसिदाद डेल एस्टाडो (सीएमवाईईएन) द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे। काबिल भारत में आपूर्ति के लिए विदेश में रणनीतिक खनिजों की पहचान, अधिग्रहण, विकास, प्रॉसेसिंग एवं व्यावसायिक उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करने वाली कंपनी है। सीएमवाईईएन अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में सरकारी स्वामित्व वाली खनन एवं ऊर्जा कंपनी है।

भारत कैटामार्का प्रांत में काबिल का एक विदेशी कार्यालय भी खोलने की योजना बना रहा है। इससे स्थानीय नियामकों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करने में मदद मिलेगी।

एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने कहा, ‘अर्जेंटीना में महत्त्वपूर्ण खनिजों की खोज एवं उत्खनन के लिए काफी समय और लगातार निगरानी करने की आवश्यकता होगी। हमारे हितों की रक्षा के लिहाज से काबिल के विदेशी कार्यालय की स्थापना एक रणनीतिक उपाय है।’

संयुक्त राष्ट्र भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) लीथियम सांख्यिकी एवं सूचना 2023 रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 9.8 करोड़ टन लीथियम भंडार का 21 फीसदी हिस्सा अर्जेंटीना के पास मौजूद है। इस लिहाज से वह बोलीविया के बाद दूसरे पायदान पर है। ये भंडार मुख्य रूप से कैटामार्का, साल्टा और जुजुय प्रांतों में नमक के मैदानों में केंद्रित हैं। ये प्रांत लीथियम ट्रैंगल के हिस्से हैं।

भारत न केवल ऐसे देश के साथ करार करना चाहता है जहां लीथियम का विशाल भंडार मौजूद है ब​ल्कि अर्जेंटीना में नमक-झील वाले लीथियम के खनन की लागत भी कम होगी। ऐसे में यह कारोबारी लिहाज से आकर्षक है। इससे उत्पादन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

अर्जेंटीना में लीथियम ब्लॉक हासिल करने का प्रयास स्वच्छ ऊर्जा की मांग को पूरा करने में भारत की आत्मनिर्भरता को बेहतर करेगा। भारत ने 29 नवंबर को महत्त्वपूर्ण खनिजों की नीलामी के लिए अपने अभियान की भी शुरुआत की है। जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ में दो लीथियम ब्लॉक को भी बोली के लिए उपलब्ध कराए गए हैं।

सरकारी अनुमान के अनुसार, जम्मू-कश्मीर ब्लॉक में करीब 59 लाख टन ली​थियम भंडार मौजूद है। नीलामी दस्तावेजों में छत्तीसगढ़ ब्लॉकों के लिए खनिज की मात्रा नहीं बताई गई है।
भारत फिलहाल अपनी लीथियम मांग को पूरी तरह आयात के जरिये पूरा करता है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2013 में भारत का लीथियम आयात लगभग 3 अरब डॉलर यानी करीब 24,900 करोड़ रुपये था। यह वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले करीब 58 फीसदी अ​धिक है।

First Published : December 25, 2023 | 9:54 AM IST