अर्थव्यवस्था

आर्थिक नीतियां सुधार कर बेहतर कर सकता है भारत: ऐनी क्रुएगर

जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय में वरिष्ठ प्रोफेसर और IMF में डिप्टी MD रहीं ऐनी क्रुएगर ने कहा कि सामान्य रूप से देखें तो भारत सरकार ने इस तरह के तमाम काम किए हैं।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- October 22, 2023 | 10:30 PM IST

जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र की वरिष्ठ प्रोफेसर और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में उप प्रबंध निदेशक (Deputy Managing Director) रहीं ऐनी क्रुएगर ने रुचिका चित्रवंशी से भारत की वृद्धि के विभिन्न पहलुओं पर बात की। प्रमुख अंश…

इजरायल-हमास के बीच टकराव को लेकर आईएमएफ ने हाल में कहा कि इसका वैश्विक वृद्धि पर बुरा असर पड़ेगा। भारत और विश्व की मध्यावधि वृद्धि क्षमता को लेकर आपका क्या कहना है?

स्वाभाविक रूप से आईएमएफ ने जो कहा, वही मेरे भी विचार हैं। सामान्य की तुलना में परिदृश्य ज्यादा अनिश्चित है। इसे लेकर कोई संदेह नहीं है। दुनिया में जो होता है, उसका असर भारत और भारत की गतिविधियों का असर शेष दुनिया पर पड़ता है।

भारत 2047 तक विकसित देश बनना चाहता है। भारत को इसके लिए क्या करने की जरूरत है?

भारत का इस समय जो प्रदर्शन है,उससे बहुत बेहतर कर सकता है, अगर आर्थिक नीतियों व अन्य चीजों को व्यवस्थित कर ले। अगर ऐसा किया जाता है तो भारत सर्वाधिक सफल देशों में होगा। निश्चित रूप से ऐसा हो सकता है।

भारत की उत्पादन से जुड़़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को लेकर आपकी क्या राय है?

सामान्य रूप से देखें तो भारत सरकार ने इस तरह के तमाम काम किए हैं। इसके बजाय सरल, सीधा और सबके लिए समान अवसर दिया जाना बेहतर होगा।

भारत ने इलेक्ट्रॉनिक सामान के लिए आयात लाइसेंस का प्रावधान किया है, इन प्रतिबंधों के बारे में आपका क्या कहना है?

मेरा मानना है कि प्रतिबंध नहीं होने चाहिए। इसका अक्सर कोई असर नहीं होता। पहले ही बहुत देरी हो चुकी है। बंदरगाहों व अन्य जगहों तेजी लाने और व्यवस्था को और कुशल बनाने की ज्यादा जरूरत है।

चीन में मंदी पर आपका क्या कहना है और भारत इससे कैसे लाभ उठा सकता है?

अगर चीन में गंभीर और लंबी मंदी आती है तो शेष दुनिया की वृद्धि भी ज्यादा सुस्त होगी। चीन की तेज वृद्धि हम सबके लिए बेहतर है। चीन की वृद्धि से चिंतित होने की वजह नहीं है।

चीन प्लस वन रणनीति में भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने का प्रयास कर रहा है। कितना कारगर होगा?

माइक्रोसॉफ्ट बीते 10 सालों से ​​शिफ्ट करने का प्रयास कर रहा है। अब तक कितना शिफ्ट किया है? ज्यादा नहीं। भारत में नौकरशाही बहुत धीमी गति से काम करती है। भारत में मंजूरी की प्रक्रिया बहुत धीमी है। ऐसा अन्य देशों में नहीं होता है।

First Published : October 22, 2023 | 10:30 PM IST