वित्त वर्ष 2024-25 में देश का कोयला उत्पादन 1 बिलियन टन (BT) के आंकड़े को पार कर गया है, और सरकार ने 2026-27 तक केवल कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) से 1 BT उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से यह जानकारी दी।
सरकार ने बताया कि 2024-25 में कुल घरेलू कोयला उत्पादन 1047.67 मिलियन टन (प्रावधिक) रहा, जो 2023-24 में 997.83 मिलियन टन था, यानी 4.99% की वृद्धि हुई। इस दौरान CIL ने 781.07 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया, जिसमें 0.94% की वृद्धि दर्ज की गई।
कोल इंडिया लिमिटेड का उत्पादन लक्ष्य (2024-30):
वर्ष | CIL का उत्पादन (मिलियन टन) |
2024-25 | 781.07 (प्रावधिक) |
2025-26 | 875.00 |
2026-27 | 1004.00 |
2027-28 | 1043.00 |
2028-29 | 1082.00 |
2029-30 | 1131.00 |
सरकार का लक्ष्य 2029-30 तक देश में कुल कोयला उत्पादन को 1.5 बिलियन टन तक पहुंचाना है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
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सरकार कैसे कम करेगी कोयला आयात :
- Annual Contracted Quantity (ACQ) को बढ़ाकर पावर प्लांट्स की आवश्यकता के 100% तक किया गया है, जिससे घरेलू आपूर्ति बढ़ेगी।
- Non-Regulated Sector (NRS) के लिए कोकिंग कोल लिंकिज़ की अवधि को 30 वर्षों तक बढ़ाया गया है।
- Power Purchase Agreement (PPA) के तहत सभी पुराने लिंकिज़ धारकों को पूरी मात्रा में कोयला उपलब्ध कराया जाएगा।
- Coal Import Monitoring System (CIMS) पोर्टल पर कोयले के आयात को अनिवार्य रूप से पंजीकृत करना होगा।
- मार्च 2024 में “स्टील – WDO रूट” उप-क्षेत्र बनाया गया, जिससे घरेलू कोकिंग कोल की खपत बढ़ेगी।
- Coking Coal Mission शुरू किया गया है जिससे स्टील सेक्टर की आयात निर्भरता घटेगी।
- Revised SHAKTI Policy 2025 के तहत ICB (Imported Coal Based) प्लांट्स को घरेलू कोयला उपलब्ध कराया जाएगा।
कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए क्या कर रही है सरकार:
- MMDR संशोधन अधिनियम 2021 के तहत कैप्टिव माइन धारकों को 50% कोयला खुले बाज़ार में बेचने की अनुमति।
- Single Window Clearance पोर्टल से मंजूरियों की प्रक्रिया में तेजी।
- Project Management Unit (PMU) द्वारा कोयला खनन परियोजनाओं को समर्थन।
- वाणिज्यिक खनन की नीलामी योजना 2020 में शुरू, जिसमें 50% रियायतें, कोयला गैसीकरण पर प्रोत्साहन, और 100% विदेशी निवेश की अनुमति।
- नेशनल कोल इंडेक्स पर आधारित पारदर्शी रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल।
- CIL ने अंडरग्राउंड खदानों में Continuous Miners और Highwall तकनीक को अपनाया है।
- ओपनकास्ट खदानों में उच्च क्षमता वाली Excavators, Dumpers और Surface Miners का उपयोग।
- Singareni Collieries Company Limited (SCCL) ने नई परियोजनाओं के लिए बुनियादी ढांचे (CHPs, Crushers आदि) पर काम शुरू किया है।
भारत सरकार कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में तेजी से कदम उठा रही है। जहां एक ओर उत्पादन लक्ष्य 2029-30 तक 1.5 बिलियन टन तक पहुंचाने की योजना है, वहीं कोयला आयात पर निर्भरता कम करने के लिए नीति स्तर पर कई सुधार और पहल की जा रही हैं। इससे न केवल ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि देश की विदेशी मुद्रा की बचत भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
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First Published : July 28, 2025 | 5:50 PM IST