दिल्ली के छापों का असर कहिए या बढ़ती मंहगाई को लेकर हो रही चिंता, उत्तर प्देश का व्यापारी वर्ग अब खुद ही जनता को सस्ते दामों पर माल बेचने के लिए मैदान में उतर आया है।
दिल्ली में पड़े छापों के बाद अब उत्तर प्देश के व्यापारियों के गोदामों में भरा अनाज बाहर आने लगा है। खुद उत्तर प्देश उद्योग व्यापार प्तिनिधि मंडल ने लखनऊ शहर के अलग-अलग बाजारों में खाद्य तेलों, वनस्पति ऑयल, दाल और चावल के खुदरा काउंटर खोल सस्ते दामों पर माल बेचना चालू कर दिया है।
राजधानी में सोमवार तक 42 रुपये किलो मिलने वाली दाल इन कांउटर पर केवल 38 रुपये में, सरसों का तेल 75 रुपये की जगह अब केवल 64 रुपये में और वनस्पति 55 रुपये प्ति किलो मिल रहा है। हैरानी की बात यह है कि 100 रुपये की एमआरपी वाला सरसों का तेल भी व्यापारी अब 64 रुपये में बेच रहे हैं। तेल के व्यापारियों का यह नया उपभोक्ता हितैषी खेल देखते ही उत्तर प्देश दाल और राइस मिलर्स एसोसिएशन ने भी सस्ते दामों पर दाल और चावल बेचने का फैसला कर लिया है।
शुक्वार से वे शहर के व्यस्त बाजारों में मंसूरी चावल 13 रुपए किलो और फूल छाप अरहर की दाल 38 रुपए किलो और औसत दाल 35 रुपए किलो में बेचने लगेंगे। व्यापारी संगठनों की मानी जाए तो आने वाले सात दिनों में प्देश के बाकी शहरों में भी सस्ता माल बिकने लगेगा। और तो और, व्यापारियों ने आटे का दामों में भी भारी कमी की घोषणा की है। अब बाजारों में खुदरा व्यापारी 15 रुपए किलो के दाम से आटा बेचेंगे, जिसकी कीमत 18 रुपए पार कर चुकी है। राजधानी में इस समय अकेले खाद्य तेलों के 35 सस्ते काउटंर अलग-अलग बाजारों में खुले हुए हैं।
इतना ही नहीं, कानपुर शहर में भी व्यापारियों ने इसी तर्ज पर दर्जनों काउंटर खोल कर सस्ता माल बेचना चालू कर दिया है। हालांकि उत्तर प्देश उद्योग व्यापार प्तिनिधि मंडल के प्देश प्वक्ता चंद् प्काश छाबड़ा दामों में आई गिरावट को छापों का डर या जमाखोरी का माल निकालने से मानने से इनकार करते हैें। उनका कहना है कि आज जमाखोरी का रूप बदल चुका है।
अब छोटे व्यापारी नहीं, बहुराष्ट्रीय कंपनियां व देश की ही कुछ बड़ी कंपनियां इस काम में जुटी हैं। छाबड़ा का कहना है कि व्यापारी थोड़ी बहुत जमाखोरी तो कर सकता है पर प्ाइस लॉइन बदल पाना उसके बस की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने अच्छी पहल की है और इसका स्वागत किया जाना चाहिए। दूसरी ओर, व्यापार मंडल को सही ठहराते हुए किराना दुकानदारों का कहना है कि सस्ते दाम का लाभ सभी को मिलना चाहिए। जो कंपनियां विशेष काउंटर पर कम दामों में माल दे सकती हैं, उन्हें सभी को यही सुविधा देनी चाहिए।
केंद्र ने कहा- राज्य भी निभाएं सक्रिय भूमिका
केन्द्र सरकार ने मंगलवार को राज्यों से कहा कि वे महंगाई की बढ़ती दर पर अंकुश लगाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं। केन्द्र राज्यों से यह सुनिश्चित कराना चाहता है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को जमाखोर और मुनाफाखोर बाधित न करने पाएं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कमलनाथ ने यह जानकारी दी।
दिल्ली ने ही दहलाया है जमाखोरों का दिल
महंगाई के लिए जिम्मेदार माने जा रहे जमाखोरों के खिलाफ दिल्ली सरकार ने ही सबसे पहले कड़ी मुहिम की शुरुआत की थी। यहां हुई कार्रवाई के चलते देशभर के कई राज्यों में जमाखोरों को छापेमारी और कड़ी कार्रवाई का डर सताने लगा। लिहाजा देशभर में ऐसे काले कारोबारियों ने अपना-अपना स्टॉक जारी करना शुरू कर दिया है। इधर, दिल्ली में छापेमारी की कार्रवाई अभी भी जारी है। दिल्ली के कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष ब्रह्म यादव ने बताया कि राज्य सरकार जमाखोरों के यहां लगातार छापे डाल रही है। शनिवार को हुई छापों की कार्रवाई में खाद्य तेल, दाल और अन्य अनाज का भारी भंडार पकड़ा गया था। एक जमाखोर के पास से ढाई लाख क्विंटल चावल बरामद किया गया है। जमाखोरों के खिलाफ 35 प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई हैं।