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चौथी तिमाही में 3 प्रतिशत से कम रह सकती है जीडीपी वृद्धि : घोष

Last Updated- December 11, 2022 | 6:41 PM IST

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्यकांति घोष का कहना है कि जनवरी-मार्च तिमाही में भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत के आसपास रह सकती है। घोष को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 22 में जीडीपी की वृद्धि दर करीब 8.5 प्रतिशत के करीब रह सकती है, लेकिन चेतावनी दी कि चौथी तिमाही का आंकड़ा उल्लेखनीय रूप से पहले की तिमाहियों में बदलाव पर निर्भर होगा।
घोष ने गुरुवार को अपने हाल की विश्लेषण रिपोर्ट में कहा, ‘वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही के आंकड़े 31 मई को जारी होने वाले हैं और आंकड़ों को समझना मुश्किल है। वित्त वर्ष 22 का परंपरागत तिमाही संशोधन एक बुरा सपना हो सकता है। हम अनुमान लगा रहे हैं वित्त वर्ष 22 में जीडीपी वृद्धि 8.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 22 की चौधी तिमाही में जीडीपी वृद्धि 2.7 प्रतिशत रहेगी।’
घोष ने कहा कि चौथी तिमाही का अनुमान विभिन्न अनिश्चतताओं से घिरा हुआ है, जबकि वित्त वर्ष 22  की पहली तिमाही के जीडीपी में 1 प्रतिशत कमी आती है और अगर अन्य सभी चीजों में कोई बदलाव नहीं होता है तो चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि 3.8 प्रतिशत रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘चौथी तिमाही के दौरान कर संग्रह में तेज बढ़ोतरी की वजह से अन्य बड़ी पहेली जीवीए और जीडीपी के आंकड़ों के बीच अंतर होगा। इससे जीडीपी के आंकड़ों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है, भले जीवीए बहुत कम रह सकता है।’ घोष ने कहा कि हमारा मानना है कि पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही के आंकड़ों में नीचे की तरफ समायोजन का असर चौथी तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों पर पड़ सकता है।

First Published - May 27, 2022 | 12:33 AM IST

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