facebookmetapixel
Bonus Stocks: हर एक पर पांच शेयर फ्री! ऑटो सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को गिफ्ट, रिकॉर्ड डेट फिक्सBihar Election Results: महागठबंधन की उम्मीदें क्यों टूटीं, NDA ने डबल सेंचुरी कैसे बनाई?इंडिगो 25 दिसंबर से नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 10 शहरों के लिए शुरू करेगी घरेलू उड़ानेंDelhi Weather Update: सावधान! दिल्ली-NCR में जहरीली हवा का कहर, IMD ने कोल्ड-वेव अलर्ट जारी कियाNowgam Blast: फरीदाबाद में जब्त विस्फोटकों के कारण श्रीनगर में पुलिस थाने में धमाका; 8 की मौत, 27 घायलDecoded: 8वें वेतन आयोग से कर्मचारी और पेंशनरों की जेब पर क्या असर?DPDP के नए नियमों से बढ़ी ‘कंसेंट मैनेजर्स’ की मांगसरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइनबिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA 200 के पार, महागठबंधन की करारी हारबिहार की करारी हार से राजद-कांग्रेस के समक्ष अस्तित्व का संकट, मोदी बोले- पार्टी अब टूट की ओर

निर्यात में तेजी बनी रहने की संभावना

Last Updated- December 12, 2022 | 5:11 AM IST

देश में कोविड-19 की दूसरी लहर और स्थानीय स्तर पर बंदी के बावजूद भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात में अगले कुछ महीनों तक तेजी बने रहने की संभावना है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आरंभिक आंकड़ों के मुताबिक भारत के वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अप्रैल महीने में करीब 3 गुना बढ़कर 30.21 अरब डॉलर हो गया। यह वृद्धि पिछले साल अप्रैल में देशबंदी की वजह से कम आधार के असर की वजह से नजर आ रही है, लेकिन चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में सभी क्षेत्रों से मजबूत मांग का समर्थन भी मिला है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वृद्धि को पश्चिमी देशों का समर्थन भी मिला है, जहां कोविड-19 का असर कम हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह ट्रेंड सतत बना रह सकता है।
ईवाई में मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा, ‘कुछ विकासशील देश कोविड के बुरे दौर से निकल चुके हैं या कम से कम सबसे बुरा दौर गुजर चुका है। ऐसे में मांग बढ़ रही है। भारत इस समय आपूर्ति में सक्षम है और पूरी तरह से लॉकडाउन नहीं है। ऐसे में पश्चिमी देशों से और ज्यादा मांग बढ़ सकती है। इसके साथ ही अप्रैल महीने में दवाओं व चिकित्सा संबंधी निर्यात बेहतर रहा है। साथ ही रिफाइंड पेट्रोलियम की स्थिति भी अच्छी है।’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘यह धारणा सतत रहेगी क्योंकि आपूर्ति की ओर से कोई व्यवधान कोरोना के कारण नहीं है। जब तक पूरी तरह से लॉकडाउन नहीं घोषित किया जाता है, आपूर्ति पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।’
ट्रेड प्रमोशन काउंसिल आफ इंडिया के संस्थापक चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि मानव निर्मित धागे, सेरेमिक, जूट उत्पाद जैसे श्रम आधारित क्षेत्रों से अप्रैल महीने में मजबूत मांग से पता चलता है कि पश्चिमी बाजारों में मांग बढ़ रही है, क्योंकि ये देश धीरे धीरे कोविड महामारी से बाहर आ रहे हैं।
भारत में दो सप्ताह से 3 लाख से ज्यादा संक्रमण के नए मामले आ रहे हैं और अब यह कोविड-19 का वैश्विक केंद्र बन गया है। कुछ राज्यों जैसे महाराष्ट्र, दिल्ली, झारखंड आदि ने पूरी तरह से या आंशिक रूप से लॉकडाउन लगा दिया है, जिससे कि वायरस का प्रसार रोका जा सके। कुछ देश महामारी के व्यवधान से उबर ने लगे हैं, वहीं भारत में कोरोना की दूसरी लहर अभी शीर्ष पर पहुंचनी बाकी है। जापान की ब्रोकरेज फर्म नोमुरा के मुताबिक कोविड की दूसरी लहर के बावजूद जहां निर्यात और आयात दोनों ही लचीला बना हुआ है, आयात अस्थायी रूप से अगले 2 महीने में प्रभावित हो सकता है।
नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हम उम्मीद करते हैं कि वैश्विक वृद्धि की मौजूदा मजबूती से निर्यात में तेजी रहेगी क्योंकि दूसरी लहर में लॉकडाउन के दौरान निर्यात केंद्रित क्षेत्रों की विनिर्माण फर्मों को और वस्तुओं की परिवहन सेवाओं का परिचालन जारी रखा गया है।’
बहरहाल नोमुरा को उम्मीद है कि आयात में वृद्धि मई और जून महीने में आंशिक रूप से प्रभावित हो सकती है क्योंकि दूसरी लहर में आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है और घरेलू खपत कम हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कुल मिलाकर हम उम्मीद करते हैं कि आयात अगले दो महीने में कुछ कम होगा, लेकिन जून के बाद इसमें फिर तेजी आएगी जब लॉकडाउन और महामारी का असर कम होगा और प्रतिबंध कम होंगे।’
प्राथमिक आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल महीने में वाणिज्यिक वस्तुओं का आयात 45.45 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की तुलना में 165.99 प्रतिशत ज्यादा है। इसमें सोने, धातुओं और मेडिकल उत्पादों व इलेक्ट्रॉनिक सामान ने अहम भूमिका निभाई है। व्यापार घाटा 15.24 अरब डॉलर रहा, जो अप्रैल, 2020 की तुलना में 120.34 प्रतिशत ज्यादा है। 

First Published - May 4, 2021 | 11:51 PM IST

संबंधित पोस्ट