अर्थव्यवस्था

Direct Tax Collection: प्रत्यक्ष टैक्स कलेक्शन बजट अनुमान से ज्यादा होने की संभावना

वित्त वर्ष 24 में रिफंड के बाद प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19.41 प्रतिशत बढ़कर 14.70 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

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इंदिवजल धस्माना   
Last Updated- January 11, 2024 | 9:33 PM IST

लोकसभा में 1 फरवरी को पेश होने जा रहे अंतरिम बजट में चालू वित्त वर्ष के प्रत्यक्ष कर संग्रह का संशोधित अनुमान (आरई) बजट अनुमान (बीई) से अधिक रहने की संभावना है। सरकार ने 10 जनवरी तक बजट अनुमान का 80.61 प्रतिशत प्रत्यक्ष कर संग्रह कर लिया है।

10 जनवरी तक के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 24 में रिफंड के बाद प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19.41 प्रतिशत बढ़कर 14.70 लाख करोड़ रुपये हो गया है। चालू वित्त वर्ष में अभी ढाई महीने से ज्यादा बचे हैं। ऐसे में कर की एक और अग्रिम किस्त आने के बाद आसानी से यह बजट अनुमान से 19.39 प्रतिशत अधिक हो जाएगा। और मार्च में सामान्यतया कर संग्रह के आंकड़े अधिक होते हैं।

2023-24 के बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह पहले के वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 16.5 लाख करोड़ रुपये से 10.5 प्रतिशत बढ़कर 18.23 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। बहरहाल वास्तविक प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 23 के संशोधित अनुमान से करीब 16,000 करोड़ रुपये कम था। 2022-23 में वास्तविक कर संग्रह 16.34 लाख करोड़ की तुलना में 2023-24 का बजट अनुमान 11.58 प्रतिशत अधिक था।

शुद्ध रिफंड के बाद कॉरपोरेशन कर से प्राप्तियां पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 12.37 प्रतिशत बढ़ीं जबकि प्रतिभूति लेन देन कर (एसटीटी) को छोड़कर व्यक्तिगत आयकर में 27.26 प्रतिशत और एसटीटी सहित 27.22 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल से 10 जनवरी के बीच 2.48 लाख करोड़ रुपये रिफंड जारी किया गया है।

अगर हम रिफंड को जोड़ लें तो प्रत्यक्ष कर राजस्व पिछले साल की तुलना में 16.77 प्रतिशत बढ़कर 17.18 लाख करोड़ रुपये रहा है। रिफंड सहित कॉर्पोरेशन कर संग्रह 8.32 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि एसटीटी को छोड़कर व्यक्तिगत आयकर 26.11 प्रतिशत और एसटीटी सहित व्यक्तिगत आयकर 26.11 प्रतिशत बढ़ा है।

पहले के आंकड़ों के मुताबिक केंद्रीय जीएसटी से अप्रैल दिसंबर के दौरान 6.26 लाख करोड़ रुपये आए थे, जो 2023-24 के बजट अनुमान 8.12 लाख करोड़ रुपये का 77 प्रतिशत है। इस वित्त वर्ष में अभी 3 महीने बचे हैं, ऐसे में सीजीएसटी से प्राप्तियां भी बजट अनुमान को पार कर सकती हैं। तेज कर संग्रह और सीजीएसटी से सरकार को उत्पाद शुल्क में आई गिरावट और सीमा शुल्क में मामूली वृद्धि की भरपाई में मदद मिलेगी।

राज्यों को 42 प्रतिशत हिस्सा दिए जाने के बाद गैर कर राजस्व में तेज वृद्धि से केंद्र सरकार को चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 17.87 लाख करोड़ रुपये रखने में मदद मिल सकती है। विनिवेश से प्राप्तियों में आई कमी और विभिन्न सब्सिडी के कारण राजस्व व्यय बढ़ने से राजकोषीय घाटा बढ़ने की संभावना जताई जा रही थी।

राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 5.9 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य कठिन साबित हो सकता है क्योंकि नॉमिनल जीडीपी वृद्धि घटकर 8.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि बजट में 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। इसकी वजह से लक्ष्य हासिल करने में कुछ खर्चों में कटौती की जा सकती है।

First Published : January 11, 2024 | 9:33 PM IST