भारत के सकारात्मक वृद्धि परिदृश्य को डिजिटल क्रांति और समावेशी विकास में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से प्रोत्साहन मिला है। ‘भारतीय अर्थव्यवस्था-एक समीक्षा’ नाम से आई रिपोर्ट में आर्थिक मामलों के विभाग ने यह कहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 9 साल में किए गए सभी सुधारों में तकनीक और डिजिटल प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल एक साझा सूत्र रहा है।
व्यापक औपचारीकरण, ज्यादा वित्तीय समावेशन और ज्यादा आर्थिक अवसर उपलब्ध होने के हिसाब से भारत का डिजिटलीकरण अन्य अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक मॉडल के रूप में सामने आया है।
डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार किए जाने से डिजिटल पहचान, वित्त तक पहुंच में सुधार, बाजारों तक पहुंच, लेन-देन की लागत घटने, कर संग्रह में सुधार जैसे सकारात्मक बदलाव हुए हैं। इससे इस दशक में निरंतर और त्वरित आर्थिक विकास के लिए आधार मिला है। कुछ महत्त्वपूर्ण संकेतकों में भारत में इंटरनेट की पहुंच, वित्तीय समावेशन, हाशिये के समाज तक सीधे लाभ पहुंचाया जाना शामिल है।
‘इंटरनेट इन इंडिया’ रिपोर्ट 2022 के मुताबिक इसकी पहुंच 50 प्रतिशत से ऊपर हो गई है, जो 2014 से अब तक तीन गुने से ज्यादा वृद्धि दर्शाता है।
समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत के हर क्षेत्र में आधार व्यापक बदलाव करने वाला साबित हुआ है। इससे प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण योजना के तहत लाभार्थियों को 34 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे दिए गए हैं। साथ ही हर महीने आधार के माध्यम से 200 करोड़ से ज्यादा प्रमाणीकरण हो रहा है।’
कोविन ऐप की सफलता को भी इसमें शामिल किया जा सकता है, जिसने महामारी के दौरान बहुत सफलतापूर्वक काम किया। समीक्षा में कहा गया है, ‘कोविन ऐप के माध्यम से भारत ने विश्व की सबसे बड़ी टीकाकरण योजना लागू की। इसकी मदद से 18 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों को 221 करोड़ टीके लगाए गए। जुलाई 2023 तक भारत ने 431 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए हैं, जिनमें से 396 सैटेलाइट जून 2014 के बाद भेजे गए हैं।’
सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा स्थापित करने पर जोर दिया है, जिसने आर्थिक बदलाव करने में अहम भूमिका निभाई है और इससे व्यक्तिगत व व्यापारिक स्तर पर आर्थिक क्षमता में वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडिया स्टेक ने देश के सेवा क्षेत्र को डिजिटल चेहरा दिया है। इंडिया स्टेक में एक दूसरे से जुड़ी तीन परतें- पहचान (आधार), भुगतान (यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस, आधार पेमेंट्स ब्रिज, आधार सक्षम भुगतान सेवा) और डेटा लेयर (अकाउंट एग्रीगेटर) शामिल हैं।