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क्रिप्टो संपत्तियों पर कर का फैसला टालेगी परिषद!

Last Updated- December 11, 2022 | 6:06 PM IST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद द्वारा आगामी बैठक में वर्चुअल डिजिटल एसेट (वीडीए) या क्रिप्टो पर कर लगाने पर फैसला किए जाने की संभावना कम है। परिषद हरियाणा और कर्नाटक सरकार से क्रिप्टो के क्षेत्र में हो रही विभिन्न गतिविधियों की प्रकृति और कर की संभावनाओं पर रिपोर्ट तैयार करने को कह सकती है। परिषद की बैठक 28 और 29 जून को चंडीगढ़ में होने की संभावना है।
जीएसटी फिटमेंट कमेटी में केंद्र व राज्य के अधिकारी शामिल होते हैं। इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि कमेटी उन मसलों की समीक्षा कर रही है, जिसे टाल दिया गया है और उसमें और गहन अध्ययन की जरूरत महसूस की जा रही है।
यह कदम क्रिप्टो उद्योग में काम करने वालों की मांग के अनुरूप होगा, जो उन मसलों पर स्पष्टता चाहते हैं, जिसमें जीएसटी के हिसाब से वीडीए को लेकर अटकलबाजियां चल रही हैं। इस समय जीएसटी नियमों में वर्चुअल संपत्ति को लेकर कोई विशेष प्रावधान नहीं है। इस समय क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा मुहैया कराई जाने वाली सेवाओं पर 18 प्रतिशत कर लगता है, जिन्हें वित्तीय  सेवाओं में रखा गया है।
उपरोक्त अधिकारी ने कहा, ‘क्रिप्टो करेंसी और नॉन-फंजिबल टोकन पर कर से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों पर गहन चर्चा के बाद फिटमेंट पैनल ने पाया कि क्रिप्टो के क्षेत्र के मसलों को लेकर गहन अध्ययन की जरूरत है। यह फैसला किया गया कि हरियाणा और कर्नाटक सभी पहलुओं का अध्ययन करेंगे और समिति के सामने अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। राज्यों (हरियाणा व कर्नाटक) को जीएसटी के दायरे में आने वाले क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी सभी आपूर्ति को चिह्नित करने व उसके बारे में अध्ययन करने, वे वस्तु के अंतर्गत आएंगी या सेवाओं के अंतर्गत, इसकी पहचान करने  और उचित वर्गीकरण के बाद लागू दरों के बारे में रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।’
पैनल ने पाया कि क्रिप्टो संपत्तियां क्रिप्टो ग्राफी द्वारा संरक्षित विकेंद्रीकृत कनवर्टबल वर्चुअल संपत्ति है। क्रिप्टो के पूरे क्षेत्र में माइनिंग, एक्सचेंज सेवाओ, वालेट सेवाओं, भुगतान के प्रॉसेसिंग बार्टर सिस्टम और अन्य अलग-अलग लेन देन शामिल है।
वित्त विधेयक में वीडीए को ऐसी डिजिटल संपत्ति के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसका सृजन क्रिप्टोग्राफिक साधनों से होता है। इसमें इस तरह की वर्चुअल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाले लाभ पर 30 प्रतिशत कर का प्रावधान किया गया है, जो 1 अप्रैल से लागू है। इसके साथ ही 1 जुलाई से इस पर 1 प्रतिशत टीडीएस कटता है।
इस उद्योग के कारोबारियों का विचार है कि वीडीए उद्योग कई तरह के नियमन के बावजूद बहुत तेजी से बढ़ा है। इसमें 2 यूनीकॉर्न सामने आई हैं। वित विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक सभी वीडीए लेन-देन पर 1 प्रतिशत टीडीएस (प्रत्यक्ष कर) लगता है। इस पर अगर जीएसटी जैसा कोई और कर लगता है तो उद्योग की चुनौतियां बढ़ेंगी।
जानकारी के मुताबिक जीएसटी समिति मूल्यांकन पर भी काम कर रही है, जिस पर कर लगाया जाना है। जीएसटी परिषद की कानून समिति और फिटमेंट समिति क्रिप्टो संपत्तियों पर कर लगाने को लेकर वर्गीकरण पर विचार कर रही हैं। कानून समिति सलाह देगी कि क्रिप्टो को वस्तु, जिंस या सेवा के तहत माना जाए।

First Published - June 23, 2022 | 12:14 AM IST

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