विश्लेषकों का कहना है कि नए जमाने की टेक्नोलॉजी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023 की अप्रैल-जून तिमाही में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन उनके व्यवसायों और शेयर कीमतों के लिए पूरी तरह सुधार की पटरी पर आने में लंबा समय लगेगा। इसके अलावा ब्रोकरेज कंपनियां इसे लेकर भी विभाजित हैं कि क्या इन शेयरों को बनाए रखने या खरीदने के लिए यह समय सही है या नहीं।
कई ब्रोकरों के लिए पसंदीदा शेयर जोमैटो है। ब्रोकर इस शेयर को 60 रुपये से 114 रुपये के बीच कीमत लक्ष्य के साथ खरीदने का सुझाव दे रहे हैं। कंपनी के फूड डिलिवरी व्यवसाय की सकल ऑर्डर वैल्यू पहली तिमाही में तिमाही आधार पर 10 प्रतिशत और सालाना आधार पर 42 प्रतिशत बढ़ी, क्योंकि इसे बिक्री में तेजी आने और औसत ऑर्डर वैल्यू में मामूली वृद्धि की वजह से से मदद मिली। कंपनी तिमाही के दौरान एबिटा आधार पर भी भरपाई के स्तर पर आने में सफल रही।
यूबीएस ने अपनी वित्तीय परिणाम के बाद जारी रिपोर्ट में कहा है, ‘हम वित्त वर्ष 2024 में वित्त वर्ष 2023 के मांग परिदृश्य की स्थिति पर विचार करेंगे और मुनाफे के लिए आगामी राह, अधिग्रहण और ब्लिंकिट के समेकन पर जोर देंगे। हमारा मानना है कि वृद्धि के वाहक मजबूत बने रहेंगे और नुकसान में कमी का सिलसिला तिमाही आधार पर बरकरार रहेगा, जो सकारात्मक बदलाव है।’
दूसरी तरफ, सीएलएसए और जेएम फाइनैंशियल के विश्लेषकों ने पेटीएम पर 650 और 525 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ पेटीएम पर बेचें की रेटिंग बरकरार रखी, क्योंकि उनका मानना है कि वृद्धि अभी भी दूर है और गिरावट के जोखिम हैं। जेफरीज ने नायिका पर खरीदें रेटिंग को बरकरार रखा है, लेकिन पहली तिमाही में ऊंची लागत को देखते हुए एबिटा और शुद्ध लाभ अनुमानों में कटौती की है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने नायिका के शेयर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है, ‘हमने कम मार्जिन अनुमानों और नए व्यवसायों में ऊंचे निवेश पर वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2025 के एबिटा अनुमानों में कटौती की है। इसकी वजह से वित्त वर्ष 2023-25 के लिए प्रति शेयर आय में 10-25 प्रतिशत की कटौती हुई है और उचित वैल्यू संशोधित कर 1,770 रुपये (पूर्व में 1,835 रुपये) की गई है।’
पिछले तीन महीनों के दौरान जोमैटो का शेयर 8.3 प्रतिशत गिरावट का शिकार हुआ है। नायिका में 9 प्रतिशत की कमजोरी आई है। वहीं समान अवधि में पेटीएम का शेयर करीब 47 प्रतिशत चढ़ने में सफल रहा है। बीएसई के आंकड़े से पता चलता है कि तुलनात्मक तौर पर, बीएसई का सेंसेक्स 7.3 प्रतिशत चढ़ा है।
सीएलएसए ने कहा है, ‘पेटीएम लगातार वृद्धि की राह पर बढ़ रही है, क्योंकि उसकी सकल व्यावसायिक वैल्यू (जीएमवी) तिमाही आधार पर 14 प्रतिशत बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये हो गई। उसकी ‘ग्रॉस टेक रेट’ तिमाही आधार पर 4 आधार अंक घटकर 36 आधार अंक रह गई। हमारा मानना है कि यह यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस की ऊंची भागीदारी पर केंद्रित थी और 27 करोड़ रुपये का प्रभाव राजस्व पर पड़ा।’
पेटीएम का समेकित नुकसान पहली तिमाही में घटकर 644.4 करोड़ रुपये रह गया, जो 2021-22 की चौथी तिमाही में 761 करोड़ रुपये था। वहीं हाल में समाप्त तिमाही में उसका समेकित राजस्व 1,680 करोड़ रुपये रहा।