एमटीएन पर जंग
अनिल अंबानी की नेतृत्व वाली कंपनी आरकॉम और दक्षिण अफ्रीकी दूरसंचार कंपनी एमटीन के बीच सौदे की बातचीत शुरू हुई, जिसके लिए 45 दिनों तक का समय तय किया गया।
अगर यह सौदा हो जाता है, तो अनिल दुनिया की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी के मुखिया हो सकते हैं। जब इस सौदे की भनक अनिल के बड़े भाई मुकेश अंबानी को लगी तो उन्होंने पिछले महीने दोनों कंपनियों को एक पत्र लिखा और कहा कि संपत्ति बंटवारे के वक्त (जनवरी 2006) तय समझौते के तहत आरकॉम के शेयर बेचने की पहल करने से पहले इनकार करने का पहला अधिकार मुकेश के नेतृत्व वाली आरआईएल को है। मुकेश ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। इससे एमटीएन-आरकॉम की बातचीत खटाई में पड़ती नजर आ रही है, क्योंकि एमटीएन कानूनी पचड़ों में पड़ना नहीं चाहती है।
…और भी हैं झगड़े
गैस विवाद : पारिवारिक समझौते के तहत 2005 में अनिल अंबानी ग्रुप ने इस बात की गारंटी दी थी कि उनके नेतृत्व वाली कंपनी (नई और पुरानी) रिलायंस इंडस्ट्रीज को ही गैस की आपूर्ति करेगी। इस मामले में विवाद बंबई हाईकोर्ट में लंबित है।
मुंबई ट्रांस-हार्बर सी लिंक : अनिल की एक सहायक कंपनी ने दक्षिण मुंबई में बनने वाले 22 किलोमीटर लंबे पुल का कॉन्ट्रैक्ट मुकेश अंबानी समूह की कंपनी को बोली में पछाड़ कर हासिल किया।
बिजली संयंत्र, हवाई अड्डा: अनिल ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के विशेष आर्थिक क्षेत्र में बिजली संयंत्र और हवाई अड्डा स्थापित करने की योजना का विरोध किया।
बकाया भुगतान : अनिल ने मुकेश के नेतृत्व वाली कंपनी पर बकाया राशि के भुगतान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक केस दायर किया था।