दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने वोडाफोन आइडिया से 5जी सेवाएं पेश नहीं करने के कंपनी के निर्णय के बाद उससे अपनी व्यवसाय योजना पर फिर से विचार करने को कहा है। उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल द्वारा 5जी सेवाओं की पेशकश की जा रही है और बीएसएनएल द्वारा भी कुछ महीनों में 4जी और फिर 5जी सेवाएं मुहैया कराए जाने की संभावना है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘हम वोडाफोन आइडिया को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि हम बाजार में तीन निजी कंपनियां और एक सरकारी कंपनी चाहते हैं। वैश्विक रुझान अब दो-तीन कंपनियों का है। सरकार के लिए 16,000 करोड़ रुपये बकाया को सरकारी पैकेज के तहत इक्विटी में तब्दील किया जाना विभिन्न योजनाओं से जुड़ा हुआ था, जिन पर वीआईएल को अमल करना था।’
उन्होंने कहा कि वीआईएल ने अभी 5जी सेवाएं पेश नहीं करने का निर्णय लिया है। उन्होंने वीआईएल से कहा है कि वह उस स्थिति में क्या करेगी जब बीएसएनएल जल्द ही 4जी पेशकश शुरू कर देगी और अगले साल 15 अगस्त तक 5जी सेवाएं मुहैया कराएगी। वीआईए से व्यावसायिक योजना तैयार करने को कहा गया है। अधिकारी ने कहा कि हम कंपनी को जल्द से जल्द व्यावसायिक योजना के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
बकाया को इक्विटी में तब्दील करने में और ज्यादा विलंब होने से वीआईएल पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि बैंकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे सरकारी बकाया राशि (सरकार को वीआईएल में एक-तिहाई शेयरधारिता मिलेगी) इक्विटी में तब्दील होने के बाद ही ऋण प्रस्तावों पर विचार करेंगे। कंपनी प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कंपनी बैंकों के साथ कोष की व्यवस्था होने पर ही 5जी नेटवर्क की पेशकश करेगी।
कंपनी ने देश के कुछ सर्किलों में सीमित 5जी स्पेक्ट्रम खरीदा है। लेकिन इसे लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि देश में 5जी के लिए आधार विकसित नहीं हुआ है, हालांकि पूरे देश में विभिन्न प्रयोग किए गए हैं। कंपनी के चेयरमैन रविंदर टक्कर ने एक साक्षात्कार में कहा कि जब वह मुख्य कार्याधिकारी थे तो उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि यदि वे 5जी स्पेक्ट्रम खरीदेंगे तो इसकी वजह है कि यह 4जी के मुकाबले ज्यादा कुशल है और इसका इस्तेमाल उनकी 4जी सेवाओं को मजबूत बनाने में भी किया जाएगा।
दूरसंचार विभाग के अधिकारी ने कहा कि विभाग ने कंपनी को विक्रेताओं के साथ बकाया निपटाने के लिए प्रोत्साहित किया है। वीआईएल ने अपना बकाया चुकाने के लिए समय मांगा है और 1,600 करोड़ रुपये के परिवर्तनीय डिबेंचर जारी कर अमेरिकन टावर कॉरपोरेशन का कर्ज चुकाएगी।
वह इंडस टावर्स के साथ भी बातचीत कर रही है और उसका 7,000 करोड़ रुपये का बकाया नवंबर तक चुकाया जाना है। दूरसंचार विभाग के अधिकारियों का यह भी कहना है कि वे कंपनी द्वारा 20,000 करोड़ रुपये की कोष उगाही योजनाओं पर भी नजर लगाए हुए हैं।