रूस के कोविड-19 टीके स्पूतनिक वी की 20 करोड़ खुराक अब एक अन्य भारतीय कंपनी तेलंगाना की विर्को बायोटेक करेगी। इसके साथ ही देश में स्पूतनिक वी की कुल 75.2 करोड़ खुराक तैयार की जाएंगी। इनमें से लगभग 25 करोड़ खुराक भारत के लिए होंगी। इससे पहले हेटेरो, ग्लैंड फार्मा और स्टेलिस बायोफार्मा ने स्पूतनिक वी की 55.2 करोड़ खुराक का उत्पादन करने के लिए रशियन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के साथ करार किया था ।
आरडीआईएफ ने सोमवार को कहा कि विर्को में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण 2021 की दूसरी तिमाही में पूरा होने की उम्मीद है और इसके बाद स्पूतनिक वी का पूर्ण पैमाने पर वाणिज्यिक उत्पादन किया जाएगा। विर्को बायोटेक क्षमताओं से आरडीआईएफ के अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को स्पूतनिक वी की वैश्विक आपूर्ति को सुगम बनाने में मदद मिलेगी। स्पूतनिक वी को वैश्विक स्तर पर 54 देशों में पंजीकृत किया गया है जहां कुल 1.4 अरब से अधिक आबादी है। स्पूतनिक वी 91.6 फीसदी असरदार है जैसा कि लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित आंकड़ों द्वारा पुष्टि की गई है।
आरडीआईएफ ने कहा, ‘टीका मानव एडेनोवायरल वेक्टर पर आधारित है और टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया में दो शॉट के लिए दो अलग वेक्टर का इस्तेमाल होता है जिससे दोनों शॉट के लिए एक ही वितरण तंत्र का इस्तेमाल कर टीके की तुलना में लंबी अवधि की प्रतिरोधक क्षमता मिलती है।’
आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रीव कहते हैं, ‘महामारी को दूर करने के लिए टीके की साझेदारी ही एकमात्र तरीका है। दुनिया कोरोनावायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है और हम स्पूतनिक वी में दिलचस्पी बढ़ती देख रहे हैं। टीका के रूप में यह उपलब्ध हो चुके सभी कुशल टीकों में से एक है। विर्को बायोटेक के साथ समझौता भारत में टीके के बड़े पैमाने पर स्थानीय उत्पादन को सुगम बनाने और वैश्विक स्तर पर हमारे अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को आपूर्ति करने के लिहाज से एक महत्त्वपूर्ण कदम है।’
विर्को बायोटेक के प्रबंध निदेशक डॉ तुमुरू मुरली कहते हैं कि बड़े पैमाने पर दवाओं की सामग्री के निर्माण से इस टीके की वैश्विक मांग पूरा करने में मदद मिलनी चाहिए। विर्को समूह का दायरा 100 से अधिक देशों में फैला हुआ है और इसके करीब 3,500 कर्मचारी हैं और इसका सालाना कारोबार 60 करोड़ डॉलर से अधिक है।
