टिकाऊ उपभोक्ता बाजार की दिग्गज कंपनी वीडियोकॉन संयंत्रों की उत्पादन क्षमता और उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए अपनी कुछ कंपनियों का विलय करने की योजना बना रही है।
कंपनी यह कदम अपनी प्रतिद्विंद्वी सैमसंग, व्हर्लपूल और एलजी से आगे रहने के लिए उठा रही है। वीडियोकॉन के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी (ग्लोबल ऑपरेशंस) के आर किम ने कहा, ‘संयंत्रों पर नियंत्रण रखने के लिए विलय करना जरूरी है। दरअसल सभी संयंत्र स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं।
सभी संयंत्रों की मानव संसाधन और लॉजिस्टिक नीतियां अलग अलग हैं। इस तरह तो हम कभी भी अपनी क्षमता के मुताबिक कार्य नहीं कर पायेंगे। हमें उत्पादों की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना है।’ किम ने बताया कि निश्चित नजरिये के अभाव के कारण कंपनी भारतीय टिकाऊ उपभोक्ता बाजार में आने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रही है।
कंपनी लगभग 10 इकाइयों के विलय या फिर उन्हें बंद करने के विकल्प पर विचार कर रही है। किम ने बताया, ‘ऐसा करने में समय लगेगा क्योंकि कंपनी ने उन इकाइयों को कर लाभ क्षेत्र में स्थापित करने में निवेश किया है। उत्पादन क्षमता ही चिंता का विषय नहीं है।
ऐसा करने से पहले कंपनी को कर और कानून संबंधी बातों पर भी ध्यान देना पड़ेगा।’ भारतीय बाजार की इस दिग्गज कंपनी का लक्ष्य तीन साल में व्यापार को तीन गुना बढ़ाकर बिक्री को 40 अरब रुपये से भी ज्यादा करना है। कंपनी विकास दर को हर साल 20 फीसदी बढ़ाना चाहती है।
कंपनी उत्पादों की गुणवत्ता और सभी संयंत्रों में एक ही मानव संसाधन नीति और प्रशासनिक नीति अपनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। कंपनी को उम्मीद है कि इसके बाद कंपनी की उत्पादन क्षमता 50 फीसदी तक बढ़ जाएगी। इसके लिए कंपनी जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्ता नियंत्रक अधिकारी की नियुक्ति भी करने वाली है। यह अधिकारी कंपनी के सभी संयंत्रों में उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उत्तरदायी होगा।
उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कंपनी अनुसंधान व तकनीक, मानव श्रम और उपकरणों के परीक्षण जैसे क्षेत्रों में और निवेश करने की योजना बना रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रीमियम ब्रांडों को पेश करने के लिए नई तकनीक का होना बहुत जरूरी है। किम ने कहा, ‘अनुसंधान और विकास हमें घरेलू बाजार के लिए यहीं पर पुर्जें बनाने में मदद करेंगे। इससे हम आयात होने वाले महंगे पुर्जों की जगह भारतीय पुर्जो का इस्तेमाल कर सकेंगे।
उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को भारतीय बाजार में पेश करेन के लिए हमारे पास अच्छी तकनीक होना बेहद जरूरी है।’ पिछले कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के भारतीय टिकाऊ उपभोक्ता बाजार में आने से इस बाजार पर वीडियोकॉन की पकड़ ढ़ीली हुई है। किम उत्पादों के वितरण के लिए भी एक वितरण नीति बनाना चाहते हैं। किम इसके लिए देश के चारों क्षेत्रों में क्षेत्र प्रमुखों की नियुक्ति की योजना बना रहे हैं। किसी भी क्षेत्र में वितरण के लिए क्षेत्र प्रमुख ही जिम्मेदार होंगे।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के भूतपूर्व प्रबंध निदेशक किम अंतरराष्ट्रीय बाजार में कंपनी के लिए कुछ ऐसी ही योजना बना रहे हैं। वीडियोकॉन ने एलजी के भूतपूर्व सेल्स प्रमुख अजय कपिला को दुबई के ऑपरेशंस का प्रमुख नियुक्त किया है। इससे पहले कपिला दुबई की टिकाऊ उपभोक्ता कंपनी जंबो इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए काम कर रहे थे। पनामा में भी एलजी के एक भूतपूर्व अधिकारी को नियुक्त किया गया है।
भारत में भी किम की एलजी टीम के काफी सदस्य वीडियोकॉन में आने वाले हैं। कंपनी ऊंचे पदों पर कितने भारतीयों को नियुक्त करेगी इस बात पर किम ने कुछ नहीं कहा। किम ने कहा, ‘मैं अच्छे लोगों को चुनना चाहता हूँ, जिन्हें इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने का अनुभव हो। भारत में हमें अच्छे और अनुशासित लोग चाहिए। इसके लिए मैं एलजी की हालिया टीम में से किसी को नहीं लूंगा। बल्कि मैं एलजी के उन पूर्व कर्मचारियों का चुनाव करँगा जिन्होंने मेरे साथ काम किया है।’
…चल रहा है किम का जादू
कंपनी कर सकती है 10 इकाइयों का विलय
तीन सालों में बिक्री तीन गुना करने का लक्ष्य
सभी संयंत्रों की मानव संसाधन और लॉजिस्टिक नीति होगी एक जैसी
बड़े स्तर पर हो रही है एलजी अधिकारियों की नियुक्ति