कोरस के 500 कर्मचारियों से होगी ‘टाटा’

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 11:03 PM IST

पैकेजिंग स्टील के यूरोपीय बाजार में ठहराव को देखते हुए टाटा  समूह ने कोरस के संयंत्र की क्षमता घटाने का फैसला किया है।


इसकी वजह से कोरस के लगभग 500 कर्मचारियों को हटाया जाना लगभग तय हो गया है।कोरस ने जुलाई, 2008 से नॉर्वे के बर्गेन में ‘कोरस पैकेजिंग प्लस’ (सीपीपी) का कामकाज बंद करने की योजना बनाई है। इसकी उत्पादन क्षमता 150,000 टन है और इसमें 260 लोग काम करते हैं। इसके अलावा कोरस ने 2008 खत्म होने तक ब्रिटेन के साउथ वेल्स में सीपीपी के ट्रोस्ट्रे वर्क्स की उत्पादन क्षमता घटाने की योजना बनाई है।


कोरस की एक प्रवक्ता ने कहा कि 2008 के अंत तक सीपीपी की कुल उत्पादन क्षमता 15 लाख से घटाकर 12 लाख टन करने की योजना है। उन्होंने कहा, ‘नौकरियों और कर्मचारियों पर पड़ने वाले असर को कम करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। इन कर्मचारियों को ब्रिटेन में वैकल्पिक रोजगार के तौर पर कोरस स्ट्रिप प्रोडक्ट्स में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। इस पर बातचीत चल रही है।’ फिलहाल ट्रोस्ट्रे के कर्मचारियों की संख्या 761 है।


यह कदम टाटा स्टील द्वारा कोरस के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के एक साल बाद उठाया गया है। कंपनी साउथ वेल्स में पैकेजिंग स्टील कारोबार में अपना मुकाम बनाए रखने की कोशिश कर रही है।


क्षमता में प्रस्तावित कमी के अलावा सीपीपी ने जनवरी से मार्च 2009 के दौरान कीमतों में कम से कम 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की भी योजना बनाई है। सीपीपी दुनिया भर में पैकेजिंग कंपनियों को उच्च गुणवत्ता वाला लाइटगेज स्टील मुहैया कराती है। सीपीपी यूरोप में तीन प्रमुख पैकेजिंग स्टील कंपनियों में शामिल है। अन्य दो कंपनियां आर्सेलरमित्तल और थिसेनक्रुप समूह की रैसेलस्टाइन हैं।


यूरोप में सालाना 58 लाख टन टिन प्लेट बनाई जाती हैं, जबकि वहां 43 लाख टन प्लेट की मांग है। इसी वजह से बड़ी तादाद में प्लेट का निर्यात करना पड़ता है। कोरस ही नहीं कई अन्य कंपनियां भी इस ठहराव से परेशान हैं।

First Published : April 23, 2008 | 12:43 AM IST