टाटा मोटर्स की लक्जरी ब्रांड कार कंपनी जगुआर-लैंड रोवर को तत्काल आर्थिक सहायता की दरकार है, लेकिन कंपनी मानती है कि गॉर्डन ब्राउन की नेतृत्व वाली ब्रिटेन सरकार से उसे कोई वास्तविक फायदा नजर नहीं आ रहा है।
जेएलआर के प्रमुख कार्यकारी डेविड स्मिथ ने कहा है कि वह ब्रिटिश सरकार से आर्थिक राहत नहीं बल्कि ऋण के तौर पर मदद चाहती है। उन्होंने कहा कि कंपनी सरकारी अनुदान नहीं चाहती है, लेकिन ऋण के तौर पर मदद की उम्मीद तो करती ही है।
हालांकि कंपनी के निदेशक (कॉरपोरेट और सरकारी मामलों) डॉन ह्यूम ने कहा, ‘हमलोग इस बाबत सरकार के पहल का अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि सरकार कंपनी को मदद देने के लिए किसी वास्तविक लाभ का ऑफर देगी।’
ऋण के मुद्दे पर सरकारी अधिकारियों के साथ कंपनी की बैठक अगले सप्ताह होनी है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्यक्ष वाणिज्यिक ऋण या बैंक गारंटी के रूप में कंपनी की मदद कर सकती है। स्मिथ ने कहा कि कंपनी ब्रिटेन में अपने उत्पादन कारखानों को लेकर प्रतिबध्द है।
उन्होंने कहा कि हम अपने यूनियनों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और उनके साथ हमारे काफी अच्छे संबंध हैं। दोनों पक्ष ही नहीं चाहते कि किसी तरह की और छंटनी हो, क्योंकि स्पष्ट रूप से हम इस समय अपने दक्ष कर्मचारियों को खोना नहीं चाहते।
मालूम हो कि बिक्री में कमी होने की वजह से जेएलआर की सोलिहुल इकाई पिछले दो सप्ताह से बंद पड़ी हुई थी और गत सोमवार से वहां काम शुरू हुआ है। कंपनी की दो फैक्ट्रियों से पहले हीं 1800 कामगारों की छंटनी की जा चुकी है।
लैंड रोवर की की बिक्री में 45 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि जगुआर की दिसंबर की बिक्री में 9 फीसदी की गिरावट हुई है।
ह्यूम ने कहा, ‘हम सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि अगर वह किसी तरह क ी वित्तीय सहायता नहीं दे सकती है, तो कम से कम ऐसी व्यवस्था करे, ताकि बैंकों से आसान शर्तों पर कर्ज उपलब्ध हो सके।’
अमेरिकी कार बाजार की तरह ब्रिटेन का ऑटो उद्योग भी मंदी की चपेट में है। ब्रिटेन के ऑटो उद्योग में एक ओर जहां कर्ज की बुरी स्थिति है, वहीं कार बिक्री में भारी गिरावट आई है।
लेकिन अमेरिका में बुश प्रशासन ने ऑटो उद्योग से जुड़ी बड़ी कंपनियों जनरल मोटर्स, क्रिसलर और फोर्ड मोटर्स के लिए सीधे कर्ज की व्यवस्था की, वहीं ब्रिटेन की सरकार इस तरह के किसी बेलआउट पर गौर नहीं कर रही है।