टाटा समूह और टोनी फर्नांडिस के नेतृत्व वाली विमानन कंपनी एयर एशिया बेरहद में संयुक्त उद्यम एयर एशिया इंडिया से एयर एशिया के बाहर होने के लिए कीमत संबंधी मुद्दों पर बातचीत चल रही है। हालांकि मलेशिया की इस विमानन कंपनी को भारतीय संयुक्त उद्यम में अपनी हिस्सेदारी के लिए एक विदेशी फंड से 5.4 करोड़ डॉलर की पेशकश मिली है।
टाटा समूह के पास इस मामले में पहले इनकार करने का अधिकार (आरओएफआर) है। इसलिए एयर एशिया बेरहद की 49 फीसदी हिस्सेदारी को खरीदने से टाटा समूह द्वारा इनकार किए जाने के बाद ही उस विदेशी फंड के साथ सौदा किया जा सकता है। इस मामले के एक करीबी सूत्र ने कहा, ‘वह विदेशी फंड एयर एशिया बेरहद से 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के अलावा एयर एशिया द्वारा डॉयचे बैंक, एचएसबीसी और टाटा कैपिटल से लिए गए अधिक ब्याज वाले अल्पकालिक ऋण को भी अदा करने के लिए तैयार है। इससे एयर एशिया इंडिया को वित्तीय लागत कम करने में मदद मिलेगी क्योंकि वह फिलहाल इस अल्पकालिक ऋण के लिए 11.25 फीसदी ब्याज दर का भुगतान कर रही है।’
विदेशी फंड ने स्पष्ट किया है कि वह तभी निवेश करेगा जब उसे टाटा संस से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल जाएगा। टाटा संस ने एयर एशिया इंडिया के 550 करोड़ रुपये के वैकल्पिक परिर्वतनीय डिबेंचर (ओसीडी) में भी निवेश किया है जिसे परिवर्तित करने पर टाटा की हिस्सेदारी बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगी जो फिलहाल 51 फीसदी है।
एयर एशिया बेरहद और टाटा समूह को इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया।
टाटा और एयर एशिया बेरहद दोनों के लिए इस संयुक्त उद्यम से एयर एशिया बेरहद का बाहर निकलना जरूरी है। टाटा समूह इस विमानन कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को सुदृढ़ करना चाहता है जबकि एयर एशिया इंडिया को मलेशिया में रकम की जरूरत है। कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के प्रकोप के कारणा हवाई यातायात के बाधित होने से एयर एशिया बेरहद भारी वित्तीय संकट से जूझ रही है।
भारत में एयर एशिया के लिए एक और बड़ी बाधा है जिसके तहत प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा विमानन कंपनी के परमिट की जांच चल रही है। आरोप है कि विमानन कंपनी ने परमिट हासिल करने के लिए रिश्वत दिया था। विदेशी निवेशक फिलहाल इस मामले में अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहते हैं।
इस मामले के एक करीबी बैंकर ने कहा, ‘गेंद अब टाटा समूह के पाले में है। एयर एशिया बेरहद पहले इनकार करने के प्रावधानों के तहत टाटा समूह को 30 दिनों का नोटिस दे सकती है। उसके बाद वह किसी तीसरे पक्ष को अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है। एयर एशिया बेरहद को 5.4 करोड़ डॉलर की पेशकश मिलने के बाद बेंचमार्क कीमत पर बातचीत हो रही है।’
