भारती एयरटेल ने ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क (ओआरएएन) प्रौद्योगिकी के आधार पर 4जी और 5जी नेटवर्क को दमदार बनाने वाले उपकरणों के विकास के लिए अपनी अग्रणी वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ समझौता किया है।
एयरटेल ने जिन कंपनियों के साथ गठजोड़ किया है उनमें जापान की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी और 4जी ऑपरेटर राकुटेन भी शामिल है। राकुटेन ने जापान में नई प्रौद्योगिकी सबसे पहले 5जी वाणिज्यिक सेवाओं को लॉन्च किया है। इसके अलावा प्रमुख हार्डवेयर कंपनी एनईसी और ताइवान की प्रमुख कंपनी सिरकोम, क्लाउड कंपनी रेड हैट और मावेनायर जैसे स्टार्टअप शामिल हैं।
कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा, ‘हमें ओआरएएन को लेकर काफी उत्सुक हैं और हमारी रणनीति दुनिया में बेहतरीन के साथ सहयोग करने और उन्हें 4जी और 5जी के लिए उत्पाद तैयार करने में मदद करने की है। हमने खुद अपना एक अनुसंधान एवं विकास केंद्र (आरऐंडडी) स्थापित किया है। इन समाधानों में एक साथ समन्वित करना होगा ताकि नेटवर्क में इनका साथ-साथ उपयोग किया जा सके। हमारी अनुसंधान एवं विकास टीम वह कार्य करेगी।’
सरल शब्दों में कहें तो ओआरएएन पुराने गियर विनिर्माताओं द्वारा दी जाने वाली पारंपरिक तकनीक के बजाय खुले प्लेटफॉर्म पर आधारित है। दूरसंचार कंपनियां सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों के लिए एक ही वेंडर पर निर्भर रहने के बजाय अब विभिन्न वेंडरों से उसे खरीद सकते हैं जिससे लागत में काफी कमी आएगी। हालांकि, उन्हें नेटवर्क चलाने के लिए विभिन्न उत्पादों को संयोजित करने के लिए इंटीग्रेटर्स की आवश्यकता होगी। भारती वही काम करेगी।
हालांकि वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि कंपनी नोकिया और एरिक्सन जैसे पुराने गियर विनिर्माताओं के साथ भी काम करना जारी रखेगी। पुराने गियर विनिर्माता भी नई प्रौद्योगिकी (उदाहरण के लिए, नोकिया ओआरएएन गठबंधन में पहले ही शामिल हो चुकी है) के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे।
शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है। हम सबसे अच्छी गुणवत्ता और सबसे कम लागत हासिल करना चाहते हैं। हमारी नजर पूरी दुनिया के लिए आरऐंडडी प्रदाता बनने पर नहीं है।’
कंपनी का यह कदम काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि उसकी रणनीति अपने प्रमुख प्रतिस्पर्धी रिलायंस जियो से स्पष्ट तौर पर अलग चलने की है। जियो ने हाल में घोषणा की थी कि उसने एक स्वदेशी 5जी नेटवर्क विकसित किया है जिसे वह दुनिया में निर्यात करना और बेचना चाहेगी। भारती का उद्देश्य अपने खुद के नेटवर्क के लिए अपने सहयोगियों के साथ सहयोग करना है जो भारत के अलावा अफ्रीका, बांग्लादेश और श्रीलंका में मौजूद हैं।
ई-कॉमर्स उद्योग के ऑर्डर में दमदार वृद्धि
देश के ई-कॉमर्स उद्योग ने इस साल (जुलाई से सितंबर) तीसरी तिमाही के दौरान मात्रात्मक ऑर्डर में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 31 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। ई-कॉमर्स पर ध्यान केंद्रित करने वाले सॉफ्टवेयर एज अ सर्विस प्लेटफॉर्म यूनिकॉमर्स की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक महामारी के कारण मांग में तेजी आई। इससे भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों के ऑर्डर में लगातार तेजी दर्ज की गई। अब लगभग पूरे देश में लॉकडाउन खत्म हो चुका है। लॉकडाउन के बाद की यह पहली तिमाही है जिसमें देश के अधिकांश हिस्से में कारोबार सुचारु हुआ। ई-कॉमर्स उद्योग उम्मीद से कहीं अधिक तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है और पिछले वर्ष की तुलना में इसमें डेढ़ गुना वृद्धि पहले ही दिख चुकी है।
यूनिकॉमर्स के सीईओ कपिल मखीजा ने कहा, ‘भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र में इस तरह की वृद्धि काफी जबरदस्त है। कोविड वैश्विक महामारी ने खुदरा क्षेत्र के माहौल को काफी हद तक बदल दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘ई-कॉमर्स अब कोई सहायक कारोबार नहीं बल्कि अग्रणी कारोबार बन चुका है।’ मखीजा ने कहा कि ऑनलाइन चैनलों में निवेश और कारोबारी परिचालन में सुधार के लिए तकनीकी समाधान में कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे में हमारा मानना है कि अगली कुछ तिमाहियों तक यही रफ्तार बरकरार रहेगी।’ बीएस