पुणे स्थित टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) अगले वर्ष जनवरी तक एस्ट्राजेनेका-यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफर्ड द्वारा तैयार किए जा रहे टीके की 20 करोड़ खुराक तैयार कर लेगी। अगर भारत के दवा नियामक ने टीके के आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी तो एसआईआई स्थानीय स्तर पर टीकाकरण कार्यक्रम के लिए इसकी आपूर्ति शुरू कर देगी। वास्तव में जनवरी तक कंपनी इस टीके की प्रति महीने 10 करोड़ खुराक बनाने की क्षमता हासिल कर लेगी। कंपनी जितने टीके तैयार करेगी, उनमें 50 प्रतिशत का इस्तेमाल देश में ही किया जाएगा।
इस बीच, सीरम ने कोविडशील्ड (एस्ट्राजेनेका-यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफर्ड का टीका) के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए 1,600 से अधिक लोगों का इंतजाम कर लिया है। सूत्रों ने कहा कि इन सभी लोगों को पहली खुराक दी जा चुकी है और इस महीने के अंत तक सभी 1,600 लेागों को दूसरी खुराक दे दी जाएगी। इसके बाद आंकड़ों का विश्लेषण शुरू होगा, जिसमें कुछ हफ्ते लग जाते हैं।
सूत्र ने कहा, ‘ब्रिटेन में भी एस्ट्रटाजेनेका अपने टीके का परीक्षण कर रही है और अगले तीन हफ्तों में वहां भी आंकड़े उपलब्ध हो जाएंगे। उसके बाद ये आंकड़े भारतीय नियामक को सौंपे जाएंगे। एसआईआई भी भारत में हो रहे परीक्षण के आंकड़े दिसंबर तक भेज देगी। अब यह नियामक पर निर्भर करेगा कि वह उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर आपात स्थिति में टीके के इस्तेमाल की अनुमति देता है या नहीं।’ कंपनी ने कहा कि दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के आधार पर भारत में टीका जल्द उपलब्ध कराने के लिए एसआईआई भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर काम करेगी।
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका से मूल तत्व लेकर कोविशील्ड का विकास एसआईआई के पुणे स्थित प्रयोगशाला में किया गया है। ब्रिटेन में बनी इस दवा का इस समय बड़े पैमाने पर ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में परीक्षण चल रहा है। इन परीक्षणों से प्राप्त आंकड़ों में सबसे पहले यह जानकारी निकल कर आएगी कि यह शरीर में प्रतिरोधी क्षमता विकसित करता है या नहीं और यह कितना सुरक्षित है।
हालांकि इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन भारत सरकार जनवरी से कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू करना चाहेगी तो स्थानीय नियामक आपात स्थिति में इसके इस्तेमाल की अनुमति दे सकता है। इस बारे में एक सूत्र ने कहा, ‘एसआईआई ने इस टीका तैयार कर रखना शुरू कर दिया है और इस समय इसके पास करीब 4 करोड़ खुराक तैयार हैं।
जनवरी तक सीरम प्रति महीने टीके की 10 करोड़ खुराक तैयार करना शुरू कर देगी और तब तक इसके पास 20 करोड़ खुराक उपलब्ध हो जाएंगी।’ एसआईआई ने दुनिया के विभिन्न देशों में टीका पहुंचाने के लिए बने संगठन गावी और बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को 20 करोड़ खुराक की आपूर्ति करने का वादा किया है। कंपनी अल्प एवं मध्य आय वाले देशों को 2021 के लिए 250 रुपये या 3 डॉलर प्रति खुराक की दर से टीके की आपूर्ति करेगी। एसआईआई को इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए 30 करोड़ डॉलर की रकम भी मिली है।
एसआईआई वर्ष 2021 में जितनी मात्रा में टीके तैयार करेगी उसका लगभग आधा हिस्सा भारत से बाहर भेजा जाएगा। एक अन्य महत्त्वपूर्ण पहल के तौर पर आईसीएमआर ने नोवावैक्स के टीके कोवोवैक्स के दूसरे एवं तीसरे चरण के परीक्षण के लिए सीआईआई के साथ साझेदारी की है। सीरम मात्रा के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी टीका बनाने वाली कंपनी है। भारत में प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए आईसीएमआर धन मुहैया कराएगा। देश भर में 15 केंद्रों में कोविशील्ड टीके के परीक्षण के लिए आईसीएमआर एसआईआई के साथ मिलकर काम कर रहा है।
