कोविड-19 महामारी के कठिन दौर से उबरने के बाद उद्योग जगत का कारोबारी मनोबल धीरे-धीरे बढ़ रहा है। ऐसे में 2021 में कर्मचारियों के वेतन में औसत 7.7 फीसदी वृद्घि होने का अनुमान है। पिछले साल वास्तविक औसत वृद्घि 6.1 फीसदी रही था।
वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म एऑन पीएलसी द्वारा भारत में किए गए ताजा वेतन वृद्घि सर्वेक्षण से पता चला है कि अधिकांश कंपनियां अपने कर्मचारियों को वेतन वृद्घि देना चाह रही हैं। सर्वेक्षण में शामिल 88 फीसदी कंपनियों ने वेतन वृद्घि देने की इच्छा जताई है जबकि पिछले साल 77 फीसदी कंपनियों ऐसा कहा था। यह अध्ययन 20 से ज्यादा क्षेत्रों की 1,200 कंपनियों के आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है। एऑन के भारत में मानव पूंजी कारोबार के पार्टनर रूपांक चौधरी ने कहा, ‘वेतन वृद्घि नहीं करने की मंशा जताने वाली कंपनियों की संख्या में खासी कमी आई है। 2020 में ऐसी कंपनियों की संख्या 25.4 फीसदी थी (वास्तविक) जो 2021 में घटकर 12.2 फीसदी (अनुमानित) रह गई है। यह दर्शाता है कि कारोबारी धारणा में सुधार हुआ है और कंपनियां आगे के परिदृश्य को लेकर ज्यादा परिपक्व हुई हैं।’ तकरीबन 93.5 फीसदी संगठनों को कारोबारी परिदृश्य में सुधार होने की उम्मीद है और वे वेतन बढ़ाने को तैयार हैं। हालनांकि 6.5 फीसदी संगठनों ने काम कम होने का अनुमान लगाया है लेकिन प्रतिभाशाली कर्मचारियों को अपने साथ बनाए रखने के लिए बाजार में औसत वेतन वृद्घि के आसपास कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने की पेशकश कर सकती हैं। 2021 में औसत वेतन वृद्घि 7.7 फीसदी रहलने का अनुमान है जो 2020 के वास्तविक 6.1 फीसदी वेतन वृद्घि से अधिक है लेकिन 2019 के 9.3 फीसदी वेतन वृद्घि से कम है।
करीब 34.8 फीसदी कंपनियां 8 से 10 फीसदी तक वेतन वृद्घि दे सकती हैं, वहीं 30.6 फीसदी ने 5 से 8 फीसदी वेतन वृद्घि देने की योजना बनाई है। पिछले साल 27.4 फीसदी कंपनियों ने 8 से 10 फीसदी वेतन वृद्घि दी थी और करीब 20.4 फीसदी फर्मों ने 5 से 8 फीसदी वेतन बढ़ाए थे।
क्षेत्रवार बात करें तो ई-कॉमर्स और वेंचर कैपिटल समर्थित हाई-टेक कंपनियां 10.1 फीसदी और आईटी कंपनियां 9.7 फीसदी वेतन वृद्घि कर सकती है। आईटीईएस और फार्मा कंपनियां 8 से 8.8 फीसदी तक वेतन वृद्घि कर सकती हैं। हालांकि चौधरी ने कहा कि रियल एस्टेट, ढांचागत एवं आतिथ्य जैसे क्षेत्र भी कम से कम 5-6 प्रतिशत की वेतन बढ़ोतरी कर सकते हैं।
2021 में दूरसंचार एवं इंजीनियरिंग सेवाएं (5.8 प्रतिशत), रियल एस्टेट एवं ढांचागत क्षेत्र (5.6 प्रतिशत) और आतिथ्य क्षेत्रों(5.5 प्रतिशत) में वेतन वृद्धि सबसे कम रहने का अनुमान है। इस सर्वेक्षण पर एऑन के परफॉर्मेंस ऐंड रिवाड्र्स बिजनेस में पार्टनर एवं सीईओ नितिन सेठी ने कहा कि अनिश्चितताओं और भविष्य में होने वाले बदलावों के मद्देनजर 2021 में वेतन बढ़ोतरी के मोर्चे पर हलचल लंबे समय तक देखने को मिल सकती है। सेठी ने कहा,’नए श्रम संहिताओं के तहत वेतन की प्रस्तावित परिभाषा से कुल वेतन में अतिरिक्त रकम जुट सकती है। हमें लगता है कि श्रम संहिता के वित्तीय असर के आकलन के बाद कंपनियां इस वर्ष की दूसरी छमाही में कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा की जा सकती है। अगर कंपनियों ने भविष्य निधि में अधिक अंशदान करने का निर्णय लिया तो वेतन बढऩे के बावजूद कर्मचारियों के हाथ में आने वाली रकम में मामूली इजाफा ही हो सकता है।’ कंपनियों का कहना है कि मजबूत प्रदर्शन, प्रतिभाओं को बनाए रखने के दबाव और वित्त वर्ष 2020-21 में वेतन वृद्धि पर लगा अंकुश खत्म होने आदि कारणों से उन्हें कर्मचारियों को अधिक वेतन देना पड़ सकता है। सबसे अधिक फायदा (7.8 प्रतिशत) निचले स्तर पर काम करने वाले लोगों को हो सकता है। इसके बाद मध्यम (7.8 प्रतिशत) और वरिष्ठ एवं शीर्ष स्तर (6.7 प्रतिशत)पर काम करने वाले लोगों का नंबर आएगा।
