तेल की बढ़ती कीमतों ने दिखाई ऑटो कंपनियों को ईंधन बचाने की राह

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 6:02 AM IST

तेल की कीमतों के इस साल 8000 रुपये प्रति बैरल के आंकड़े को छू जाने के अनुमानों के साथ ही देश में ऑटो निर्माता कंपनियां न सिर्फ ईंधन बचत वाले, बल्कि आसान देख-रेख वाले मॉडल को लॉन्च करने पर विचार कर रही हैं।


जेब पर भारी पड़ने वाले ईंधन के बिल से निजाद दिलाने के लिए प्रीमियम कार निर्माता कंपनी होंडा सियल जल्द ही देश में पहली हाइब्रिड कार- सिविक हाइब्रिड लॉन्च करने वाली है। कंपनी का कहना है कि उनकी यह कार पेट्रोल कारों के मुकाबले 47 फीसदी अधिक ईंधन की बचत करने की क्षमता रखती है।

गौरतलब है कि कंपनी इस हाइब्रिड कार में डयूअल इंजन कॉन्फिगरेशन होगी, जिससे सफर में गति के विभिन्न स्तरों के अनुसार पेट्रोल और इलेक्ट्रिक इंजन का इस्तेमाल हो सकेगा। होंडा के प्रवक्ता का कहना है, ‘तेज गति पर कार में लगा पेट्रोल इंजन कार को रफ्तार देगा, वहीं कम गति पर इलेक्ट्रिक मोटर काम करना शुरू कर देगी।’

सिविक हाइब्रिड को अमेरिका और जापान में 2006 में पहले ही लॉन्च किया जा चुका है और इस कार की दुनियाभर में अब तक 2,20,000 इकाइयां बेची जा चुकी हैं। होंडा सियल ने सिविक हाइब्रिड की कितनी बिक्री हो पाएगी इस बारे में बताने से इनकार कर दिया।

भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने भी डयूअल फ्यूल (पेट्रोल और एलपीजी) के वैगन आर और ओमनी के साथ-साथ हाल ही में मारुति 800 भी लॉन्च किया है। मारुति सुजुकी के कार्यकारी अधिकारी मार्केटिंग और सेल्स मयंक पारीक का कहना है, ‘डयूअल फ्यूल वाहन हमेशा से हमारी उत्पाद रणनीति का प्रमुख हिस्सा रहे हैं।

यह कार किफायती होने के साथ-साथ फैक्टरी फिटेड होने के कारण पूर्ण रूप से सुरक्षित भी है।’ हर महीने मारुति 800 मॉडल की 7 हजार कारें बेचने वाली कंपनी में इस महीने एलपीजी वैरिएंट की लगभग 27 प्रतिशत कारें बेची हैं। वैगन आर की डयूअल फ्यूल मॉडल की बिक्री लगभग 27 प्रतिशत है। ओमनी के लगभग 7 हजार  विभिन्न वैरिएंट्स हर महीने बेचे जाते हैं और जिनमें डयूअल फ्यूल वैरिएंट की बिक्री 27 फीसदी है।  

हुंडई कंपनी ने अपनी प्रमुख कार सैंट्रो का भी सीएनजी मॉडल पिछले साल लॉन्च किया था। हुंडई अब मिडसाइज सेगमेंट कार एस्सेंट को भी सीएनजी मॉडल के साथ बाजार में उतार चुकी है जो लगभग 56,500 रुपये महंगी भी है। कंपनी का कहना है, ‘डयूअल फ्यूल एस्सेंट में सीएनजी का बतौर वैकल्पिक ईंधन के रूप में इस्तेमाल होगा। एस्सेंट 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन वाला मॉडल बिना किसी मॉडिफिकेशन के सीएनजी किट के भी अनुकूल है।’

देश में सीएनजी की कम उपलब्धता के चलते (सिर्फ राजधानी में उपलब्ध) सीएनजी मॉडल्स फिल्हाल सिर्फ दिल्ली में ही बेचे जा रहे हैं। दिल्ली में बिकने वाले सीएनजी मॉडलों की बिक्री पिछले साल में 10 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 20 से 25 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर जाएगी।

सीएनजी फ्यूल मॉडल को आगे बढ़ाते हुए कंपनी की योजना इन सभी मॉडल्स को एलपीजी ईंधन पर दौड़ाने की भी है और इस काम की शुरुआत कंपनी अगस्त में सैंट्रो के साथ करने जा रही है। इस प्रयास से दिल्ली से बाहर सीएनजी रीफिलिंग स्टेशनों की कमी से भी कंपनी मुकाबले कर सकेगी।

महिन्द्रा रेनो की लोगान सीएनजी वर्जन भी जल्द ही लॉन्च कर देगी, जबकि महिन्द्रा ऐंड महिन्द्रा ने अपनी मल्टीयूटिलिटी व्हीकल स्कॉर्पियो के हाइब्रिड वैरियंट को लॉन्च करने के लिए अभी किसी भी दिन की घोषणा नहीं की है।

भारत की सबसे पहली इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी रेवा इलेक्ट्रिक कार कंपनी (आरईसीसी) ने पिछले साल से तेल की कीमतों में इजाफा होने के बाद अपनी कार रेवा के लिए पूछताछ करने वालों की संख्या दोगुनी पाई है। कंपनी की योजना 2008 में अपनी कार के तीन मॉडलों के साथ 3 हजार कारों को बेचने की बनाई है। लगभग 2,500 कारें फिलहाल लंदन और बेंगलुरु में बनाई जाती हैं।

आरईसीसी के डिप्टी चेयरमैन और प्रमुख प्रौद्योगिकी अधिकारी, चेतन मैनी का कहना है, ‘इस कार की देख-रेख पेट्रोल कारों की तुलना में लगभग 40 प्रतिशत सस्ती है। वह इसलिए क्योंकि इस कार में जल्द-जल्द ऑयल और एयर फिल्टर, स्पार्क प्लग को बदलने और रेडिएटर की देख-रेख की जरूरत नहीं पड़ती। इसी के साथ इलेक्ट्रिक कारों में रीजेनरेटिव ब्रेकिंग लगाया जाता है, जिसका मतलब है कि जैसे ही कार धीमी होती है उसकी इलेक्ट्रिक मोटर एक जेनरेटर में तब्दील हो जाती है और वह बैटरी पैक को चार्ज करने लगती है।’

First Published : June 17, 2008 | 11:53 PM IST