समय रहते सत्यम पर शिकंजा न कसने के आरोपों के बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी ने आज सत्यम मामले में सीबीआई जांच का विकल्प भी खुला रहने की बात कही।
रेड्डी ने इस मामले में प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है जिसमें सीबीआई जांच का स्वागत किए जाने की बात की गई है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में रेड्डी ने कहा है कि अभी तक इस मामले की जांच में जो बातें सामने आई है वह यह है कि देसी विदेशी ग्राहकों को लुभाने के लिए सत्यम में कई गड़बड़ियां की गईं।
खातों में हेरफेर के अलावा और भी कई गड़बड़ियां अंजाम दी गईं। राजू ने बड़ी चुतराई से 300 कंपनियों का जाल बुना और बड़ी चालाकी से एक कंपनी से दूसरी कंपनी में हेराफेरी की।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में रेड्डी ने कहा है, ‘अगर इस मामले में सीबीआई जांच की जरूरत पड़ती है तो मेरी सरकार इसका स्वागत करेगी।’
मायटास मामले पर पत्र में कहा गया है कि वह दूसरी कई कंपनियों के साथ मिलकर सूबे में कई परियोजनाओं पर काम कर रही है। रेड्डी ने लिखा है, ‘सत्यम की जांच में मायटास और सत्यम के बीच संबंधों पर भी जांच चल रही है।’
रेड्डी ने कहा कि जैसे ही मैंने राजू के खुलासे के बाद उनके इस्तीफे के बारे में सुना मैंने फौरन ही सीआईडी को इसकी जांच करने के आदेश दिए। इस मामले की जांच में सीआईडी- सेबी, गंभीर धोखाधड़ी जांच कायालय (एसएफआईओ), प्रवर्तन निदेशालय और कंपनी पंजीयक के साथ संपर्क बनाए हुए है।
रेड्डी ने वित्त मंत्रालय और कंपनी मामलों के मंत्रालय से भी अपील की है कि जितनी एजेंसियां इस मामले की जांच में लगी हैं उनमें बेहतर समन्वय ही जांच को सही दिशा में आगे बढ़ा सकता है, इसलिए इन एजेंसियों में बेहतर समन्वय होना ही चाहिए।
अमेरिका में बचा हुआ है सत्यम
अमेरिकी शेयर बाजारों का नियमक संस्था, सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने कहा कि उसने सत्यम घोटाले पर अभी कोई कार्रवाई नहीं की है, लेकिन उसने कदम उठाने से इनकार नहीं किया है।
सत्यम न्यूयार्क शेयर बाजार में भी सूचीबध्द है। इस रहस्योद्धाटन के बाद न्यूयार्क एक्सचेंज ने सत्यम के शेयरों का कारोबार रोक दिया। इस शेयर का कारोबार फिर से 12 जनवरी को शुरू हुआ।
‘सत्यम कोई पैमाना नहीं है’
वाणिज्य मंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सत्यम प्रकरण के मद्देनजर भारत में नियामक प्रणाली को और मजबूत बनाया जाएगा। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को इस एक घटना को लाल झंडी के रूप में नहीं लेना चाहिए।
बीबीसी के एक कार्यक्रम में कमलनाथ ने कहा कि आज जो नया भारत दिख रहा है वह 10-12 साल की मेहनत का फल है। यूरोप तथा अमेरिका सहित दुनिया भर के सभी भागों से देश में भारी निवेश हो रहा है।
निवेशक सत्यम प्रकरण को लाल झंडी के रूप में नहीं देख रहे हैं। कमलनाथ ने कहा कि सत्यम के पुनर्गठित बोर्ड में विशेषज्ञ तथा जानी मानी हस्तियां शामिल हैं और सत्यम की जांच के आधार पर नियामकीय प्रणाली को मजबूत किया जाएगा।
कंपनी के पहले के बोर्ड में भी बहुत प्रभावशाली लोगों के शामिल होने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा, ‘वे ऑडिटरों पर निर्भर थे और मुझे नहीं लगता कि बोर्ड कंपनी के हर काम की बारीकी में जाता है, ऐसा दुनिया में कहीं नहीं होता।’