कनाडा के पेंशन फंड ब्रुकफील्ड और अमेरिका की कार्लाइल, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म एमेजॉन और जापानी दिग्गज निप्पॉन एक्सप्रेस (जिसके पास पहले से ही 22 फीसदी हिस्सेदारी है) समेत अन्य प्राइवेट इक्विटी कंपनियों ने किशोर बियाणी प्रवर्तित फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्युशंस लिमिटेड (एफएससी) में नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदने के लिए प्रारंभिक बातचीत शुरू की है। एफएससी थर्ड पार्टी सप्लाई चेन व लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता है, जो वेयरहाउसिंग की सुविधा भी मुहैया कराती है। सूत्रों के मुताबिक, एक सूचीबद्ध लॉजिस्टिक्स कंपनी ने भी परिसंपत्ति पर नजर डाली है।
कंपनी ने हाल में ऐंबिट को निवेश बैंकर नियुक्ति किया है, जो कंपनी के लिए खरीदार की तलाश के लिए है। ऐंबिट के प्रवक्ता ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। एमेजॉन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, हम किसी कयास पर टिप्पणी नहीं करते कि एमेजॉन आने वाले समय में क्या कर सकती है और क्या नहीं। अन्य तीन कंपनियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड की पूछताछ का जवाब नहीं दिया। इस संबंध में किशोर बियाणी ने भी कोई जवाब नहीं दिया।
बियाणी परिवार के पास 47.89 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है और इसे वह गैर-प्रमुख क्षेत्र के तौर पर देखते हैं। ऐसे में कारोबार के मुद्रीकरण से समूह को कर्ज घटाने में मदद मिलेगी।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने ग्रुप होल्डिंग कंपनी फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेस के सावधि कर्ज की रेटिंग मार्च में घटाकर गैर-भुगतान श्रेणी कर दी थी क्योंकि समूह की कंपनियों के कर्ज का स्तर काफी ज्यादा है। इक्रा ने एक बयान में कहा, समूह की विभिन्न इकाइयों में निवेश के मुद्रीकरण के बावजूद समूह का कुल कर्ज एक साल पहले के मुकाबले 31 दिसंबर, 2019 तक बढ़ गया। यह स्थिति मुख्य रूप से परिचालित कंपनियों के कर्ज में बढ़ोतरी के कारण हुई और समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का कुल कर्ज 30 सितंबर, 2019 तक बढ़कर 12,778 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो 31 मार्च, 2019 को 10,951 करोड़ रुपये था।
इक्रा ने कहा, इस वजह से प्रवर्तक की गिरवी शेयरधारिता में भी इजाफा हुआ और इसके परिणामस्वरूप वित्तीय लचीलापन घट गया।
बियाणी एमेजॉन जैसे दिग्गज निवेशक को शामिल करने में सक्षम है, जिसने फ्यूचर रिटेल की प्रवर्तक इकाई फ्यूचर कूपंस की 49 फीसदी हिस्सेदारी ली है और इसके परिणामस्वरूप उसे रिटेल की अल्पांश हिस्सेदारी अप्रत्यक्ष तौर पर मिल गई। फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशंस में उसने ब्लैकस्टोन और प्रेमजीइन्वेस्ट को शामिल किया। अब वह फ्यूचर रिटेल की हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया में है और कथित तौर पर रिलायंस रिटेल, समारा कैपिटल और एमेजॉन से बातचीत कर रही है, जो कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकती है। हालांकि निप्पॉन एक्सप्रेस ने एफएससी में 664 रुपये प्रति शेयर पर इक्विटी का अधिग्रहण किया, लेकिन उसके बाद शेयर कीमतें तेजी से घटी है और अभी सिर्फ 128 रुपये पर है। एफएससी हालांकि लाभकारी कंपनी है। तीसरी तिमाही (वित्त वर्ष 20) में उसका राजस्व 283 करोड़ रुपये रहा जबकि कर पश्चात लाभ 24 फीसदी बढ़कर 11 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी का एबिटा 23.6 फीसदी के सहज स्तर पर है।
