दुनिया की सबसे बड़ी दवा कंपनी फाइजर ने भारतीय इकाई में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का फैसला लिया है।
कंपनी के मुताबिक, मौजूदा 41 फीसदी की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 75 फीसदी करने का निर्णय लिया गया है। 34 फीसदी की यह अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के लिए फाइजर 680 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस तरह प्रति शेयर 675 रुपये की पेशकश कंपनी ने की है।
बंबई स्टॉक को यह जानकारी मिलने के बाद फाइजर के शेयर में करीब 10 फीसदी का उछाल देखा गया। उछाल के बाद कंपनी के शेयर भाव 685.4 रुपये तक चले गए। इस तरह स्विस कंपनी नोवार्टिस के बाद फाइजर दूसरी ऐसी बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जिसके प्रवर्तक ने भारतीय इकाई में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की घोषणा की है।
नोवार्टिस ने यह घोषणा महीना भर पहले की थी। विदेशी दवा कंपनियों का अपनी भारतीय इकाई में हिस्सेदारी बढ़ाने के बढ़ते रुझान के चलते इन कंपनियों की सहायक इकाइयों के शेयर में सोमवार को बढ़ोतरी देखी गई। ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन के शेयर में 3, एवेंटिस में 5 और वाइएथ में 5 फीसदी की वृद्धि हुई।
फाइजर ने 9 अप्रैल को बंद स्टॉक के भाव पर 8 फीसदी प्रीमियम की पेशकश की है। वहीं नोवार्टिस ने 90 फीसदी शेयर खरीदने के लिए शेयरों की कीमत पर 23 फीसदी की पेशकश की थी। नोवार्टिस ने तब प्रति शेयर 351 रुपये की दर से 440 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी।
फाइजर की तरह नोवार्टिस के शेयर भी घोषित कीमत से कहीं अधिक 369.95 रुपये पर मिल रहे थे। फाइजर के मुताबिक, उसका ओपन ऑफर दो महीने बाद जून में उपलब्ध होगा।
