ताइवान की प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी पेगाट्रॉन कॉरपोरेशन ने तमिलनाडु के एक औद्योगिक पार्क में करीब 50 लाख वर्ग फुट जगह पट्टे पर ली है। कंपनी अपने नए मोबाइल विनिर्माण संयंत्र पर करीब 15 करोड़ डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी ऐपल के सबसे बड़े अनुबंध विनिर्माताओं में शामिल है।
कंपनी ने अपने नए मोबाइल विनिर्माण संयंत्र के लिए जगह की तलाश कर्नाटक सहित विभिन्न राज्यों में की और तमिलनाडु को चुना।
इस बाबत जानकारी के लिए कंपनी को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस खबर की पुष्टि की है। कंपनी ने कासा ग्रैंडे के चेन्नई औद्योगिक पार्क में करीब 50 लाख वर्ग फुट जगह पट्टे पर ली है।
कासा ग्रैंडे ने इस खबर के लिए कोई टिप्पणी नहीं की।
सरकार और रियल एस्टेट सलाहकार फर्म जेएलएल ने पुष्टि की है कि कंपनी ने चेन्नई में भूमि पट्टे पर ली है।
सरकारी सूत्रों और विशेषज्ञों ने कहा कि कंपनी द्वारा तमिलनाडु को चुने जाने के कारणों में प्रोत्साहन और कनेक्टिविटी के अलावा बेंगलूरु के समीप विस्ट्रॉन के संयंत्र में हालिया हिंसक प्रदर्शन भी एक महत्त्वपूर्ण कारण है। विस्ट्रॉन भी ऐपल की एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। गौरतलब है कि संयंत्र में हिंसा के बाद ऐपल ने विस्ट्रॉन को प्रोवेशन पर रखा था। पेगाट्रॉन कॉरपोरेशन ने नवंबर में अपनी भारतीय योजना के लिए अपनी सहायक इकाई पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के जरिये 1,100 करोड़ रुपये के निवेश के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
पेगाट्रॉन तमिलनाडु में ऐपल आईटफोन का अनुबंध आधारित उत्पादन करने वाली फॉक्सकॉन के बाद दूसरी कंपनी होगी। फॉक्सकॉन ने चेन्नई के समीप श्रीपेरुम्बुदुर में अपने विनिर्माण संयंत्र में क्षमता विस्तार पर 54 करोड़ डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने कहा है कि वह होसुर में अपने मोबाइल फोन उपकरण विनिर्माण संयंत्र पर करीब 67.6 करोउ़ डॉलर का निवेश करेगी।
तमिलनाडु मोबाइल हैंडसेट एवं पुर्जे के विनिर्माण का एक सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। राज्य में नोकिया, सैमसंग, फ्लेक्स, मोटोरोला, फॉक्सकॉन, बीवाईडी सहित कई कंपनियां परिचालन कर रही हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य ने काफी पहल कर रहा है। इसी क्रम में तमिलनाडु की इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर विनिर्माण नीति 2020 को लागू किया गया है। इसके तहत तमिलनाडु को एक अभिनव और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) केंद्र में बदलने के लिए एक रणनीति बनाई गई है। इसका उद्देश्य 2025 तक तमिलनाडु के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाना और 2025 तक भारत के कुल इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में 25 फीसदी योगदान करना है।
