ओओएक्सएमएल को करना होगा और इंतजार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 5:04 AM IST

दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट को एक और झटका लगा है। कंपनी को अपने ऑफिस ओपन एक्सएमएल (ओओएक्सएमएल) फाइल फॉर्मेट को लेकर अभी ‘कई महीने’ तक इंतजार करना होगा।


अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) कंपनी के इस फॉर्मेट को लेकर निर्णायक फैसला दे सकता है कि यह अंतर्राष्ट्रीय मानक का होगा या नहीं।

नहीं माना भारत

आईएसओ ने संबद्ध देशों को ओओएक्सएमएल के अंतर्राष्ट्रीय मानक के फरवरी के दिए गए फैसले के खिलाफ अपील के लिए दो महीने का समय दिया है। इसकी प्रतिक्रिया में मानक संस्था के चार सदस्य देश- ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और वेनेजुएला- आगे आए हैं।

आईएसओ के बयान में कहा गया है, ‘फिलहाल आईएसओ के महासचिव और आईईसी महासचिव अपील पर विचार कर रहे हैं और वे 30 दिन के अंदर इस संबंध में अपनी प्रतिक्रियाओं के साथ अपीलें ओएसओ के तकनीकी प्रबंधन बोर्ड और आईईसी के मानकीकरण प्रबंधन बोर्ड को भेज देंगे।’

इसके बाद दो प्रबंधन बोर्ड यह फैसला लेंगे कि अपीलों पर आगे सुनवाई की जाए या नहीं। यदि वे सुनवाई के पक्ष में फैसला लेते हैं, तो दोनों बोर्डों के अध्यक्षों को एक सुलह पैनल गठित करने की जरूरत होगी जो अपीलों के समाधान की कोशिश करेगा। इस प्रक्रिया में कई महीने का वक्त लग सकता है।

कड़ा विरोध

पिछले महीने के अंत में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे ने सितंबर 2007 में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की वोटिंग में इस फाइल फॉर्मेट का कड़ा विरोध किया था। इसके बाद भी इस सॉफ्टवेयर कंपनी ने शीर्ष भारतीय कंपनियों को अपने पक्ष में करने के लिए दबाव बरकरार रखा।

आईआईटी-बॉम्बे के प्रोफेसर दीपक बी. पाठक ने बीआईएस के सभी सदस्यों को इस संबंध में एक खुला पत्र भेजा। बीआईएस ने आईएसओ के भागीदार सदस्य के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और वह आईएसओ में भारत की स्थिति के संबंध में फैसले के लिए जिम्मेदार है।

माइक्रोसॉफ्ट मौन

माइक्रोसॉफ्ट ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इनकार कर दिया है, लेकिन इस कंपनी के एक प्रवक्ता का कहना है, ‘हम शिक्षा के प्रमुख केंद्र आईआईटी बॉम्बे और इसके अति सम्मानित शिक्षकों में से एक डॉ. पाठक के लिए अपने सम्मान को दोहराएंगे। बीआईएस समिति के कुछ सदस्यों के मुद्दे को सरकार के साथ  उठाया गया है। इसमें किसी खास संगठन या व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया गया है।’

ओओएक्सएमएल फॉर्मेट को एप्पल, नोवेल और विप्रो इन्फोसिस, टीसीएस और नैस्कॉम का समर्थन हासिल है। वहीं दूसरे फॉर्मेट ओपन डॉक्यूमेंट फॉर्मेट (ओडीएफ) का समर्थन करने वाली कंपनियों में आईबीएम, सन माइक्रोसिस्टम्स, रेड हैट, गूगल जैसी कंपनियां और भारत में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीआईटी), नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी), सीडैक, आईआईटी-बॉम्बे और आईआईएम-अहमदाबाद शामिल हैं।

कारोबार में दिक्कत

ओओएक्सएमएल के लिए भारत का समर्थन नहीं मिलने से  माइक्रोसॉफ्ट को भारत समेत पूरी दुनिया से सरकारों से कारोबार हासिल करने में  दिक्कतें आ सकती हैं। ये सरकारें उचित मानकों को पसंद करती रही हैं। दिल्ली, केरल और पूर्वोत्तर राज्य ओडीएफ फाइल फॉर्मेट की वकालत कर रहे हैं। यह फाइल फॉर्मेट रखरखाव के खर्च को छोड़कर पूरी तरह नि:शुल्क है।

First Published : June 12, 2008 | 11:17 PM IST