रिलायंस होम फाइनैंस लिमिटेड (आरएचएफएल) की ऋण पुनर्गठन योजना पर मिस्त्री परिवार के स्वामित्व वाले शापूरजी पलोनजी ग्रुप (एसपी समूह) की आपत्ति पर भारतीय लेनदारों ने उसके साथ बातचीत शुरू की है। लेनदारों को इस महीने के अंत तक कोई समाधान निकलने की उम्मीद है जिससे अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली आवास वित्त कंपनी के 11,000 करोड़ रुपये के ऋण का समाधान निकल सके।
शापूरजी पलोनजी ग्रुप ने खुद के 30,000 करोड़ रुपये के ऋण को पुनर्गठित करने का आग्रह किया था लेकिन समूह ने इस मामले में अदालत का रुख किया है जिससे रिलायंस होम फाइनैंस लिमिटेड के ऋण समाधान की प्रक्रिया बाधित हो गई है। आरएचएफएल पर एसपी समूह का 200 करोड़ रुपये का बकाया है और पिछले साल इस ऋण पर कंपनी ने चूक किया था।
संपर्क करने पर एसपी समूह के एक सूत्र ने कहा कि रिलायंस होम फाइनैंस पर बकाया एक संयुक्त उद्यम कंपनी की है न कि शापूरजी पलोनजी की। इसलिए आरएचएफएल पर उसका बकाया उसके एकमुश्त पुनर्गठन (ओटीआर) प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह मामला फिलहाल अदालत में है। अधिकारी ने कहा कि एसपी समूह अपनी ओटीआर योजना को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है और फिलहाल इस संबंध में कोई भी जानकारी साझा करने की अनुमति नहीं है।
एसपी समूह की मुकदमेबाजी ने आरएचएफएल के ऋण समाधान की राह में अड़चन पैदा कर दिया है जबकि इसके लिए चार बाध्यकारी बोली प्राप्त हो चुकी है। एसीआरई और ऑथम इन्वेस्टमेंट्स की ओर से प्राप्त दो बोलियां कंपनी की सभी परिसंपत्तियों के लिए हैं जबकि अन्य दो बोलियां कैपरी ग्लोबल और एवेन्यू-आर्सिल से प्राप्त हुई हैं जो केवल खुदरा परिसंपत्तियों के लिए हैं। ये बोलियां लेनदारों के लिए बेहद आकर्षक मानी जा रही हैं क्योंकि बोली मूल्य लेनदारों द्वारा नियुक्त दो स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा निर्धारित उचित मूल्य के मुकाबले अधिक है।
हालांकि शापूरजी पलोनजी ग्रुप द्वारा नवंबर 2019 में आरएचएफएल के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय से स्थगनादेश हासिल किए जाने से लेनदारों की योजना को झटका लगा है। एसपी समूह द्वारा हासिल स्थगनादेश के अनुसार, आरएचएफएल को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर उसकी आंशिक अथवा पूरी परिसंपत्तियों को निपटाने, संबद्ध करने अथवा अलग करने से प्रतिबंधित किया गया है। इस प्रकार अदालत के इस आदेश से उसकी मौजूदा ऋण समाधान प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
समाधान प्रक्रिया में शामिल एक वरिष्ठ बैंकर के अनुसार, मौजूदा समाधान योजना को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए आवश्यक है कि आरएचएफएल के लेनदार एसपी समूह के साथ इस गतिरोध को दूर करें। अधिकारी ने कहा, ‘हमें अगले कुछ सप्ताह में आरएचएफएल की परिसंपत्तियों के लिए सफल बोलीदाता को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। इसलिए एसपी ग्रुप के साथ गतिरोध को जल्द से जल्द दूर करना बेहद आवश्यक है।’ एसपी समूह कुल 11,200 करोड़ रुपये के ऋण में महज 200 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी के साथ सुरक्षित ऋणदाता है। इस प्रकार आरएचएफएल के कुल ऋण में एसपी समूह की हिस्सेदारी 1.8 फीसदी से भी कम है।
इस साल अगस्त में, बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्व में ऋणदाताओं ने रिलायंस कैपिटल की इकाई रिलायंस होम फाइनैंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनैंस की परिसंपत्तियों के लिए अभिरुचि पत्र आमंत्रित किया था। समाधान प्रक्रिया का प्रबंधन बीओबी कैपिटल मार्केट्स (बीओबी कैप्स) और अन्स्र्ट ऐंड यंग (ईवाई) द्वारा किया जा रहा है।
