कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद व्यापक कार बाजार में उल्लेखनीय नरमी दिख रही है लेकिन मर्सिडीज बेंज इंडिया को अपने ब्रांडेड ऐक्सेसरीज एवं मर्केंडाइज के लिए ग्राहकों का आकर्षण दिख रहा है। घडिय़ों और धूप के चश्मे से लेकर ट्रेकिंग/फिटनेस साइकिल तक के लिए ऑनलाइन खरीदार खर्च करने के लिए तत्पर दिख रहे हैं।
कंपनी के उपाध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) संतोष अय्यर ने कहा कि इन वस्तुओं में ऑनलाइन खरीदारों की काफी दिलचस्पी दिख रही है। महज छह महीनों के दौरान इन वस्तुओं के कुल लेनदेन मूल्य 1 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। जबकि आगंतुकों की संख्या तिगुना बढ़त के साथ 1,00,000 के पार पहुंच गई।
अय्यर ने कहा कि ग्राहकों की इस प्रतिक्रिया से उत्साहित होकर मर्सिडीज अब एमेजॉन पर इन एक्सेसरीज को सूचीबद्ध करने की योजना बना रही है। इसके अलावा कंपनी फिटनेस और उपहार वाले उत्पादों का दायरा भी बढ़ाना चाहती है। युवा खरीदारों को आकर्षित करने के उद्देश्य से कंपनी एएमजी मर्केंडाइज को भी इसमें शामिल करना चाहती है।
अय्यर ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान हमने इन उत्पादों की मांग में उल्लेखनीय तेजी देखी है। यहां तक कि हम लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद ही उनकी डिलिवरी करने में समर्थ हुए। उसमें महीना दर महीना उल्लेखनीय वृद्धि दिख रही है।’
तमाम वस्तुओं के बीच फिटनेस साइकिल की मांग सबसे अधिक रही है। इसका मूल्य अधिक होने के बावजूद मांग में तेजी दर्ज की गई। इनमें से अधिकतर वस्तुओं का जर्मनी से आयात किया जाता है। लोग 1,200 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये के दायरे में खर्च करने के लिए तैयार दिख रहे हैं जो इस बात पर निर्भर करता है कि वह कफलिंक खरीदना चाहते हैं अथवा साइकिल।
पीडब्ल्यूसी के पार्टनर एवं लीडर (ऑटोमोटिव) कवन मुख्त्यार ने कहा, ‘ऐसे समय में जब लोग कार खरीदने में मूड में नहीं हैं तो वे ब्रांडेड मर्केंडाइज एवं ऐक्सेसरीज खरीदकर ब्रांडों के बीच अग्रणी रहना एक अच्छा तरीका हो सकता है। ऑनलाइन बिक्री के जरिये खरीदारों तक व्यापक तौर पर पहुंचने की गुंजाइश होती है। साथ ही वास्तवितकता यह भी है कि यह काफी मार्जिन वाला कारोबार है जो कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है।’
मर्सिडीज भारत में कई वर्षों से ऐक्सेसरीज और परिधानों की बिक्री करती रही है। अय्यर ने कहा कि हाल में उसने जब ऑनलाइन चैनल के जरिये बिक्री शुरू की है तो उसमें काफी तेजी दर्ज की गई है। कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद करीब 75 फीसदी खरीदार 18 से 34 वर्ष आयु वर्ग के हैं जिनमें 20 फीसदी महिलाएं हैं।
