मारुति सुजूकी इंडिया का संचयी शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 334 फीसदी बढ़कर 2,112.50 करोड़ रुपये रहा। चिप आपूर्ति की किल्लत दूर होने, कारों की रिकॉर्ड बिक्री और अनुकूल मुद्रा विनिमय का कंपनी को लाभ मिला है।
मारुति सुजूकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय वाहन उद्योग की बिक्री अब तक की सबसे अधिक रहेगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि मारुति की बिक्री वित्त वर्ष 2019 के करीब रह सकती है। भार्गव ने कहा, ‘छोटी कारों की बिक्री में वृद्धि पिछले कुछ साल में घटी है लेकिन बड़ी कारों, खास तौर पर एसयूवी सेगमेंट के वाहनों की बिक्री में जोरदार इजाफा हुआ है।’
मारुति सुजूकी हैचबैक सेगमेंट की सबसे बड़ी कंपनी है लेकिन एसयूवी सेगमेंट में उसे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है और टाटा मोटर्स, ह्यूंडै, किया तथा महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने इस क्षेत्र में अच्छी बढ़त दर्ज की है। मारुति की कुल बिकने वाली कारों में करीब 70 फीसदी हिस्सेदारी हैचबैक कारों की होती है।
भार्गव ने कहा कि इस साल दूसरी तिमाही में मारुति की हैचबैक कारों की बिक्री में भी वृद्धि दर्ज की गई। लेकिन यह त्योहारी मौसम तक ही सीमित रह सकता है और आने वाली तिमाही या अगले साल इसमें वृद्धि जारी रहने की उम्मीद नहीं है। इसका मतलब है कि शहरी और ग्रामीण बाजारों में हैचबैक कारों को खरीदने वाले लोगों की आय कम हुई है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मारुति की बिक्री 36.32 फीसदी बढ़कर 5,17,395 कारों की रही। इस दौरान कंपनी ने 63,195 कारों का निर्यात किया। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की आय पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 48 फीसदी बढ़कर 28,545 करोड़ रुपये रही। कंपनी ने कहा कि दूसरी तिमाही के अंत तक लंबित बुकिंग 4,12,000 कारों की थी, जिनमें से 1.30 लाख बुकिंग हाल में बाजार में उतारे गए मॉडलों के लिए कराई गई हैं।
एसयूवी सेगमेंट में नए वाहन लाने के बारे में पूछे जाने पर भार्गव ने कहा, ‘हमने हाल ही में नई ब्रेजा उतारी है और अब ग्रैंड विटारा आने वाली है। अगले वित्त वर्ष में कंपनी और एसयूवी लाएगी जिसकी झलक अगले साल जनवरी में होने वाले ऑटो एक्स्पो में दिखाई जाएगी।’ भार्गव ने कहा कि कार विनिर्माता के तौर पर मारुति अपने ग्राहकों की मांग का अनुसरण करती है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि हम हैचबैक या प्रवेश स्तर के सेगमेंट से निकल जाएंगे।
इस सेगमेंट में हमारी हिस्सेदारी 70-75 फीसदी से घटकर करीब 60 फीसदी पर आ सकती है।’उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में हैचबैक सेगमेंट की बिक्री में गिरावट आएगी लेकिन मारुति सहित पूरे वाहन उद्योग की वृद्धि दर करीब 8 फीसदी रह सकती है। दूसरी तिमाही में सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में सुधार हुआ है और इसकी कमी का असर केवल 35,000 कारों के उत्पादन पर पड़ा है।
टाटा मोटर्स जैसी अन्य कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों को बाजार में उतार रही हैं लेकिन मारुति वित्त वर्ष 2025 में अपनी पहली ईवी लाने की योजना बना रही है। इस बारे में पूछे जाने पर भार्गव ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ईवी सेगमेंट में हमने देर से शुरुआत की है। मेरा मानना है कि हमने व्यवस्थित तरीके से इसकी शुरुआत की है।
हम स्थानीय स्तर पर बने पुर्जों पर ध्यान दे रहे हैं। हम बैटरी और पुर्जों का उत्पादन स्थानीय स्तर पर करने जा रहे हैं। बात केवल कार बेचने की नहीं है। कार की बिक्री के बाद लंबे समय तक उसकी देखभाल करने की भी हमारी जिम्मेदारी है।’
