अमेरिका की आईटी कंपनी मारलैब्स को अपने भारतीय केंद्रों से दमदार प्रदर्शन की वजह से अगले दो से तीन साल के दौरान अपनी डेटा और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) श्रेणी में 50 प्रतिशत तक इजाफे की उम्मीद है।
मारलैब्स के मुख्य कार्य अधिकारी थॉमस कोलिन्स ने कहा, ‘हमारी ज्यादातर केस स्टडीज भारत में तैयार की जाती हैं। अमेरिका में हम भले ही फ्रंट-एंडेड हों, लेकिन एआई इंजीनियरिंग या डेटा इंजीनियरिंग का मुख्य काम भारत में मारलैब्स में ही होता है। हमारी नई परियोजनाओं के अधिकांश कर्मचारी हमारे मुख्य स्थानों – बेंगलूरु और पुणे से हैं। अपेक्षाओं के अनुरूप कंपनी का लक्ष्य साल 2027 तक एआई-फर्स्ट कंपनी बनना है।
मारलैब्स का कारोबारी ढांचा चार श्रेणियों – डेटा और एआई; उत्पाद इंजीनियरिंग, बुनियादी ढांचा; संयंत्र तथा प्रतिभा सेवाओं, जहां यह संसाधन उपलब्ध कराती है, में बंटा हुआ है। कंपनी का डेटा और एआई कारोबार लगातार दो अंकों में वृद्धि कर रहा है। उत्पाद इंजीनियरिंग में उच्च स्तर पर एक अंक का इजाफ दिख रहा है।
जनवरी में कोलिन्स ने ऐलान किया था कि मारलैब्स की योजना अगले तीन साल के दौरान दोगुनी राजस्व वृद्धि हासिल करने के लिए भारत में करीब 500 कर्मचारियों को नियुक्त करने की है।
वर्तमान में कंपनी के देश में लगभग 1,500 कर्मचारी हैं। भारत पर ध्यान केंद्रित करते हुए कोलिन्स ने प्रतिभा पूल के लिहाज से देश के महत्व पर जोर दिया। एआई इंजीनियरों का एक बड़ा हिस्सा भारत के चार स्थानों – बेंगलूरु, मैसूर, कोच्चि और पुणे से है।
कोलिन्स ने कहा ‘परिचालन के लिहाज से भारत कंपनी का हृदय और केंद्र है। हम वैश्विक स्तर पर कंपनी का संचालन भारत से करते हैं। वित्त, मानव संसाधन, मार्केटिंग, आईटी वगैरह जैसे सहायक कार्य खास तौर पर बेंगलूरु में होते हैं। हम अपनी कंपनी की प्रगति के साथ-साथ उन टीमों को बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
व्यापक आर्थिक स्तर पर अनुकूल हालात पर बात करते हुए कोलिन्स ने कहा कि वैश्विक स्तर पर व्यापक आर्थिक अनिश्चितता का असर अंतिम दो श्रेणियों में ज्यादा है क्योंकि पहली दो श्रेणियां हमारे ग्राहक के नवीन उत्पादों पर आधारित हैं।
उन्होंने कहा, ‘पिछले 18 महीनों में एआई को काफी बढ़ावा मिला है। अलबत्ता कई ग्राहक रोजाना के परिचालन आधार लागत बचाना चाहते हैं। इसलिए यह हमारे लिए ज्यादातर फीका है क्योंकि इसमें एक तरफ वृद्धि है तो दूसरी तरफ कटौती।’