सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) की बहुप्रतीक्षित निजीकरण प्रक्रिया के तहत आज तीन या चार कंपनियों ने अभिरुचि पत्र जमा कराए हैं। अभिरुचि पत्र जमा कराने की आज अंतिम तिथि थी। बीपीसीएल का विनिवेश चालू वित्त वर्ष के लिए 2.1 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने के लिए अहम है।
हालांकि सरकार ने बोलीदाताओं की संख्या का आधिकारिक खुलासा नहीं किया है लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा कि कई अभिरुचि पत्र मिलने के बाद बीपीसीएल के रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया अब दूसरे चरण में बढ़ गई है। यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार का पेट्रोलियम क्षेत्र में दूसरा बड़ा विनिवेश होगा। इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने आईपीसीएल को रिलायंस इंडस्ट्रीज के हाथों बेच दिया था।
घटनाक्रम के जानकार एक शख्स ने बताया कि तीन से चार कंपनियों ने बीपीसीएल में दिलचस्पी दिखाई है। हालांकि मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसके लिए बोली नहीं लगाई, वहीं उसकी साझेदार सऊदी अरामको ने भी बोली नहीं लगाई है। रूस की रोसनेफ्ट के बारे में भी माना जा रहा है कि वह अधिग्रहण की दौड़ से बाहर है। इससे पहले रोसनेफ्ट ने एस्सार ऑयल का अधिग्रहण किया था। कई निवेशकों ने पहले ही संकेत दिए थे कि बीपीसीएल में उनकी दिलचस्पी नहीं है क्योंकि बोली के लिए 10 अरब डॉलर नेटवर्थ को अनिवार्य किया गया था। कोविड के कारण निवेशकों की ठंडी प्रतिक्रिया मिलने की वजह से सरकार ने चार बार बीपीसीएल के लिए अभिरुचि पत्र जमा कराने की समयसीमा बढ़ाई थी, जो आज खत्म हो गई।
निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा, ‘सौदे के लिए नियुक्त सलाहकार ने सूचित किया है कि अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। हमें कई कंपनियों से अभिरुचि पत्र मिले हैं। हम अभी बोलीदाताओं के नामों का खुलासा नहीं करना चाहते हैं। बोली की समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी और हम अगले चरण में बढ़ेंगे।’ सौदे के सलाहकार अब अभिरुचि पत्र का मूल्यांकन करेंगे उसके बाद अंतिम बोली के लिए कंपनियों को छांटा जाएगा। मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में बीपीसीएल में सरकार को अपनी समूची 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दे दी थी।
अभिरुचि पत्र (ईओआई) या उसकी हिस्सेदारी खरीदने में रुचि दिखाने की बोली पेशकश 7 मार्च को आमंत्रित की गईं। वर्तमान बाजार पूंजीकरण 89,525.06 करोड़ रुपये के आधार पर कंपनी में 52.98 फीसदी हिस्सेदारी का मूल्य करीब 47,430.4 करोड़ रुपये अनुमानित है।
निवेशकों को करीब 3.53 करोड़ टन रिफाइनिंग क्षमता, 16,492 रिटेल आउटलेट और 7.2 करोड़ एलपीजी ग्राहकों की पेशकश की जाएगी। पेशकश आमंत्रित करने के नोटिस के मुताबिक सरकार ने बीपीसीएल में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है। इस हिस्सेदारी में 1.15 अरब इक्विटी शेयर शामिल होंगे। बीपीसीएल का प्रबंधन नियंत्रण रणनीतिक खरीदार को हस्तांतरित किया जाएगा।
