आईटी कंपनी एंफैसिस के संस्थापक जयतीर्थ (जेरी) राव ने कम लागत की नई आवास परियोजना के लिए इन्फोसिस के सह संस्थापक और मुख्य परामर्शदाता एन. आर. नारायणमूर्ति से नैतिक समर्थन और दिशानिर्देश से कहीं बढ़कर अहम भूमिका निभाने की बात कही है।
उद्योग जगत के सूत्रों ने बताया कि राव ने मूर्ति से पूंजी निवेश के लिए संपर्क किया है। उल्लेखनीय है कि जेरी राव ने एम्फेसिस की स्थापना की थी। चार साल पहले उन्होंने इस कंपनी को ग्लोबल सॉफ्टवेयर फर्म ईडीएस के हाथों बेच दिया था। अभी जेरी राव कम लागत वाले मकान में कारोबार में उतरने की योजना बना रहे हैं।
भारत में अभी यह क्षेत्र काफी तेजी से बढ़ रहा है। एंफैसिस से निकलने के बाद वे कई कंपनियों में सक्रिय निवेशक की भूमिका निभाते रहे हैं। इसके अलावा जेरी राव कुछ कंपनियों के बोर्ड में भी रहे हैं। इसमें बेंगलुरु की रियल स्टेट कंपनी पूर्वांकरा प्रोजेक्ट्स भी शामिल है। यह कंपनी भी कम लागत वाले मकान के क्षेत्र में सक्रिय हो रही है।
ऐसा माना जा रहा है अपनी नई परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए जेरी राव इस कंपनी के बोर्ड को छोड़ देंगे। जेरी राव नारायणमूर्ति से सक्रिय सहयोग तो चाहते ही हैं लेकिन वे अपनी इस परियोजना के लिए दूसरे मोर्चों पर भी काम कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जेरी राव एचडीएफसी के साथ भी बातचीत कर रहे हैं।
एचडीएफसी हाउसिंग फाइनेंस के मामले में देश की सबसे बड़ी कंपनी है। जेरी राव चाहते हैं कि एचडीएफसी भी उनकी परियोजना में निवेश करे। हालांकि, जेरी राव ने मूर्ति की सक्रियता पर कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि एक बार योजना को आखिरी रूप दे दिया जाएगा तो वे बातचीत करेंगे। अपनी तरफ से मूर्ति ने भी कोई बयान नहीं दिया है।
अगर नारायण मूर्ति जेरी राव के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेते हैं तो वे निजी धन में विभिन्न परियोजनाओं में निवेश करने वालों की श्रेणी में शामिल हो जाएंगे। देश के एक और बडे आईटी उद्यमी अजीम प्रेमजी ऐसा पहले ही कर चुके हैं।
बताया जा रहा है कि राव ने मूर्ति से पूंजी निवेश के लिए संपर्क किया है।
एचडीएफसी जैसे बैंकों से भी हो रही है बात
