देश के दूरसंचार ऑपरेटरों ने वृद्धि की राह पर वापसी की है और वित्त वर्ष 2021 में उनकी एकीकृत शुद्ध बिक्री में 11.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इसके साथ ही उद्योग का कुल राजस्व वित्त वर्ष 2018 से 36.6 फीसदी अधिक हो चुका है। हालांकि 2016 में रिलायंस जियो के आने के कारण हुए व्यवधान की पूरी भरपाई करने में दूरसंचार उद्योग को अभी वक्त लगेगा। पिछले वित्त वर्ष में दूरसंचार उद्योग का एकीकृत राजस्व वित्त वर्ष 2016 के शीर्ष स्तर के मुकाबले 16.5 फीसदी कम रहा।
भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल जैसी मौजूदा दूरसंचार ऑपरेटरों की एकीकृत शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2021 में 1.87 लाख करोड़ रुपये रही जबकि मार्च 2016 में समाप्त वित्त वर्ष के दौरान यह आंकड़ा 2.24 लाख करोड़ रुपये का रहा था।
वास्तव में, वित्त वर्ष 2021 में राजस्व वित्त वर्ष 2013 के 1.83 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले थोड़ा अधिक रहा। उस साल देश में नौ मोबाइल ऑपरेटर थे। लेकिन अब मोबाइल ऑपरेटरों की संख्या घटकर 5 रह गई है जिनमें सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) शामिल हैं। पिछले पांच वर्षों के दौरान कई दूरसंचार ऑपरेटरों को अपनी दुकान बंद करनी पड़ी जिनमें रिलायंस कम्युनिकेशंस, टाटा टेलीसर्विसेज, एयरसेल, टेलीनॉर इंडिया और लूप मोबाइल शामिल हैं। जबकि वोडाफोन इंडिया एवं आइडिया सेल्युलर के एकीकरण के जरिये नई कंपनी वोडाफोन आइडिया सृजित हुई।
असल में रिलायंस जियो ने अधिकतर मौजूदा दूरसंचार ऑपरेटरों के कारोबार में सेंध लगाई है लेकिन वह 2016 में कीमत को लेकर छिड़ी जंग के बाद उद्योग के राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई करने में विफल रही है। रिलायंस जियो ने वित्त वर्ष 2021 में करीब 70,000 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री दर्ज की जो उसके पहले वर्ष 2017 में 20,000 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री के मुकाबले करीब ढाई गुना अधिक है। इसके मुकाबले वित्त वर्ष 2016 और वित्त वर्ष 2018 के दौरान उद्योग की एकीकृत शुद्ध बिक्री को करीब 81,000 करोड़ रुपये का झटका लगा।
हालांकि रिलायंस जियो के पूंजीगत खर्च से अब निष्क्रिीय हो चुके ऑपरेटरों के पूंजी नुकसान की भरपाई हो गई है। उद्योग की परिसंपत्ति पांच साल पहले के मुकाबले अब कम उत्पादक रह गई है। पिछले पांच वर्षों के दौरान उद्योग दुर्दशा में वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर की गिरावट का योगदान सबसे अधिक रहा जो 2018 में एकीकृत होकर वोडाफोन आइडिया बन गई। वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर ने अपने चरम पर वित्त वर्ष 2015 में करीब 87,000 करोड़ रुपये की एकीकृत शुद्ध बिक्री दर्ज की थी। इसके मुकाबले एकीकृत कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 में 42,000 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व दर्ज किया है।
इसी प्रकार बीएसएनएल की शुद्ध बिक्री में पिछले पांच वर्षों के दौरान 40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही के लिए उसके वित्तीय नजीजों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2016 में शुद्ध बिक्री 28,400 करोड़ रुपये थी जो घटकर वित्त वष्ज्र्ञ 2021 में 17,000 करोड़ रुपये रह गई। रिलायंस जियो के आने से भारती एयरटेल सबसे कम प्रभावित हुई लेकिन वह वृद्धि रफ्तार सुस्त हो गई। कंपनी के भारतीय मोबाइल कारोबार ने वित्त वर्ष 2021 में 55,600 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया जो वित्त वर्ष 2017 में उसके शीर्ष स्तर से 2 फीसदी कम है।